श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद मामले में सुनवाई कल भी रहेगी जारी, हिंदू पक्ष ने पेश किए ये डॉक्यूमेंट
Shahi Idgah Masjid Case: मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की तरफ से कल सुनवाई पूरी हो सजायेगा. जिसके बाद कोर्ट जजमेंट रिजर्व कर लेगी.
Mathura Sri Krishna Janmabhoomi Case: मथुरा की श्री कृष्ण जन्म भूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज यानी मंगलवार (30 अप्रैल) को सुनवाई हुई और कल यानी एक मई को भी सुनवाई जारी रहेगी. मुकदमों की पोषणीयता को लेकर हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई अब अंतिम दौर में है. उम्मीद जताई जा रही है कि मुकदमों की पोषणीयता के बिंदु पर चल रही सुनवाई कल पूरी हो जाएगी. सुनवाई पूरी हो जाने पर अदालत अपना जजमेंट रिजर्व कर लेगी. सुनवाई के लिहाज से कल का दिन बेहद अहम है. कल की सुनवाई में हिंदू और मुस्लिम दोनों ही पक्ष अपनी बची हुई दलीलें पेश करेंगे.
जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच में आज करीब साढ़े तीन घंटे तक सुनवाई हुई. आज की सुनवाई में मुख्य रूप से हिंदू पक्ष ने ही अपनी बची हुई दलीलों को आगे बढ़ाया. हिंदू पक्ष की ओर से आज कोर्ट में कई साक्ष्य पेश किए गए. कोर्ट में दलील दी गई कि श्री कृष्ण जन्मभूमि का टाइटल श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के पक्ष में है. अदालत में आज खसरा खतौनी की कापी भी अदालत में पेश की गई. इसके साथ ही नगर निगम का रिकॉर्ड भी अदालत में पेश किया गया.
इन पुस्तकों को कोर्ट के समक्ष रखा गया
विभिन्न इतिहासकारों की पुस्तकों का संदर्भ भी कोर्ट के समक्ष रखा गया. इसमें प्रमुख रूप से अलेक्जेंडर कनिंघम की पुस्तक आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, साकी मुस्ताद खान की माशीरे आलम गिरी और वी एस भटनागर की पुस्तक एंपरर औरंगजेब एंड डिस्ट्रक्शन आफ टेंपल्स पुस्तक को कोर्ट में साक्ष्य के तौर पर पेश किया गया. कोर्ट में दलील दी गई कि किस तरह से मंदिरों को तोड़ा गया और उसके स्वरूप से छेड़छाड़ की गई. यह भी दलील दी गई कि इसमें प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट लागू होगा और न ही लिमिटेशन एक्ट.
हिंदू पक्ष की दलिल को खारिज करने की मांग
हाईकोर्ट में जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच में अभी मुकदमों की पोषणीयता पर ही सुनवाई चल रही है. मुस्लिम पक्ष ने आर्डर सेवन रूल इलेवन के तहत हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल अर्जियों को खारिज करने की मांग की है. इस मामले में मुस्लिम पक्ष की बहस पहले ही पूरी हो चुकी है. मुस्लिम पक्ष ने अभी तक मुख्य रूप से 1991 के प्लेसेस ऑफ़ वरशिप एक्ट, वक्फ एक्ट, स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट और लिमिटेशन एक्ट का हवाला देकर हिंदू पक्ष की याचिकाओं को खारिज किए जाने की दलील दी है.
एक साथ 18 अर्जियों पर सुनाई कर रहा कोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट 18 अर्जियों पर एक साथ सुनवाई कर रहा है. मथुरा मामले में अयोध्या विवाद की तर्ज पर जिला अदालत के बजाय हाईकोर्ट में सीधे तौर पर सुनवाई हो रही है. ज्यादातर अर्जियों में शाही ईदगाह मस्जिद को हिन्दुओं का धार्मिक स्थल बताकर उसे हिन्दुओं को सौंपे जाने की मांग की गई है. जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच में सुनवाई दोपहर दो बजे से शुरू होगी.
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