Krishna Janmabhoomi Dispute: मथुरा-श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले पर मंगलवार को अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह के वाद पर मथुरा कोर्ट (Mathura Court) में सुनवाई हुई. मथुरा कोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने लगभग आधे घंटे तक कोर्ट में बहस की. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 मई की तारीख दी है. कोर्ट में अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह की ओर से दायर किए गए वाद में श्री कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि को मुक्त कराने की मांग की गई है.


साथ ही शाही ईदगाह मस्जिद में नमाज पर रोक लगाने की मांग की गई है. विवादित स्थल की जीपीआर रेडियोलॉजी सिस्टम से खुदाई की मांग के साथ ही विवादित स्थल पर एक्सपर्ट की टीम बनाकर सर्वे की मांग भी की गई है. 


मुस्लिम पक्ष पर लगाये गये ये आरोप


इतना ही नहीं हिंदू स्थापत्य कला के सबूतों को मिटाने का भी मुस्लिम पक्ष पर आरोप लगाया गया है. साथ ही 1968 में श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद समझौते को गलत बताया है. कहा गया है कि श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान को समझौते का कोई अधिकार नहीं था. श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट जमीन का मालिक है.


अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह कहा है कि ''जो वास्तविक स्थिति है कि 13.37 एकड़ जमीन ठाकुर केशव देव की है, जो जन्म भूमि ट्रस्ट की है. सभी रिकॉर्ड में श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम हैं. वहां ईदगाह मस्जिद का नाम नहीं है. ये जबरदस्ती कब्जा कर बैठे हैं. 


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