मथुरा, एबीपी गंगा।  उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में ट्रेन में मां-बेटी के साथ लूटपाट कर उनकी हत्या करने वाला गिरोह के पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ये घटना तीन तीन अगस्त की है। जब इन बदमाशों ने दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से त्रिवेन्द्रम जा रही (22634) सुपर फास्ट एक्सप्रेस में एक महिला यात्री का बैग लूटने और विरोध करने पर उसे व उसकी बेटी को चलती ट्रेन से धक्का दे दिया था। इस घटना दोनों मां-बेटी की मौत हो गई थी।


गिरोह का सरगमा चकमा देकर फरार


वहीं, इस गिरोह से पुलिस ने लूटकांड में मारी गई महिला का फोन, 26500 रुपए, दो सोने के टॉप्स, दो पाजेब, दो लेडीज पर्स बरामद किए हैं,  लेकिन गिरोह का सरगना पवन सैनी पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया।


जीआरपी प्रभारी सुभाष यादव ने बताया, 'राजकीय रेलवे पुलिस को सूचना मिली थी कि कोसीकलां स्टेशन पर लुटेरों का एक गैंग एक फिर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए एकत्र हो रहा है। छापामार कार्रवाई में शातिर बदमाश जयपुर निवासी प्रदीप सिंधी जीआरपी की टीम के हाथ लग गया।' उन्होंने बताया, 'उसने सरगना पवन सैनी के बारे में बताया। वो तो नहीं मिला, लेकिन उसकी पत्नी देवकी मिल गई। उसके पास मनीषा का फोन मिल गया। उसमें पति-पत्नी की सेल्फी भी थी। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।'




इसके बाद एक-एक कर मथुरा के यमुनापार इलाके का राजू गोस्वामी, भरतपुर के सुखबीर चौटाला व रिफाइनरी क्षेत्र के रांची बांगर का नंदकिशोर उर्फ संपाती को गिरफ्तार कर लिया गया।


पुलिस का दावा है कि इसी गिरोह के लोगों ने चलती ट्रेन में लूटपाट की थी और मां मीना (50) व बेटी मनीषा (21) ने इसका विरोध किया, तो उसे उन लोगों ने चलती ट्रेन से धक्का दे दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस मामले में मीना देवी के बेटे आकाश ने लूट एवं गैरइरादतन हत्या के मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

तीन अगस्त को ट्रेन में क्या हुआ था, जानें


गौरतलब है कि तीन अगस्त को  निजामुद्दीन - त्रिवेंद्रम सेंट्रल सुपर फास्ट एक्सप्रेस के एस-2 कोच में दिल्ली के शाहदरा निवासी दिलीप की पत्नी मीना (55), बेटी मनीषा (21) और बेटा आकाश (23) बर्थ नंबर पर 1, 3 और 4 पर सोए हुए थे। मां-बेटा, मनीषा को कोचिंग के लिए कोटा छोड़ने जा रहे थे। तड़के करीब पौने चार बजे मीना देवी टायलेट के लिए उठीं। जब वो टायलेट से वापस आईं तो उनकी सीट पर रखे बैग को बदमाश उठा रहे थे। मीना ने बदमाशों से बैग छीनने की कोशिश की। इसी दौरान मनीषा की भी आंख खुल गई और वह भी बैग को बदमाशों से खींचने लगी। एक बदमाश बैग को लेकर ट्रेन से भागने का प्रयास कर रहा था। इसी खींचातानी में दोनों ट्रेन में गेट के पास पहुंच गईं। बदमाश ने तेजी से झटके के साथ बैग को खींचा और दोनों को गेट से बाहर धक्का दे दिया। वे दोनों ट्रेन से बाहर जा गिरीं और बदमाश उनका कीमती सामान से भरा बैग लेकर कूद गया।


ट्रेन में हल्ला मचा तो बेटे आकाश की भी आंख खुल गई और उसने लोगों से घटना के बारे में पूछा। जब उसे पता चला कि उसकी मां और बहन को ट्रेन से फेंका गया है तो उसने चेन खींच दी। लेकिन तब तक ट्रेन वृन्दावन रोड स्टेशन पर पहुंच चुकी थी। यह घटना आझई स्टेशन के निकट घटी थी।


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