Banke Bihari Mandir Stampede: श्री कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) की रात वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Mandir) में लगभग 2:00 बजे एक बड़ा हादसा हो गया. इस हादसे में 7 लोग घायल हुए जिनमें से 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि दो लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है और 3 लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. दरअसल, यह हादसा श्री कृष्ण जन्माष्टमी की रात तब घटित हुआ जब बांके बिहारी मंदिर में रात 12:00 बजे कृष्ण के जन्म होने के बाद मंगला आरती हर साल में एक बार ही होती है. 


इस मंगला आरती में लाखों की संख्या में श्रद्धालु बांके बिहारी मंदिर पहुंचते हैं. विगत रात्रि लगभग 2:00 बजे जब मंगला आरती मंदिर में हो रही थी तो भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया कि मंदिर प्रांगण में मौजूद लोगों की भीड़ के दबाव की वजह से दम घुटने लगा और वहां पर भीड़ असंतुलित हो गई. जिसके बाद एक बड़ा हादसा हो गया. इस हादसे में 2 लोगों की मौत हुई और 5 लोग घायल हुए, जबकि 2 लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है. 


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इससे पहले भी हो चुकी है घटना
घटना के बाद शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया. सभी आला अधिकारी मौके पर रात में ही पहुंच गए. सुबह होते ही आगरा के कमिश्नर अमित गुप्ता ,आईजी नचिकेता झा , एडीजी राजीव कृष्ण के साथ तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया. इसके साथ ही आगे इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति ना हो इस पर भी मंथन किया गया. चौंकाने वाली बात यह है कि बांके बिहारी मंदिर में घटी घटना कोई पहली घटना नहीं है पहले भी इस तरह की घटना मंदिर में हो चुकी है लेकिन जिले के शासन प्रशासन ने इससे कोई सबक नहीं लिया और यह बड़ी घटना फिर दोबारा हुई. 


आगरा एडीजी ने क्या कहा?
एडीजी आगरा राजीव कृष्ण का कहना है कि बांके बिहारी मंदिर में कल रात में जो हादसा हुआ वो बहुत दुखद हादसा है. इसमें अभी तक कुल दो श्रद्धालुओं की मौत हुई है. दो श्रद्धालुओं हॉस्पिटल में हैं. उनका इलाज चल रहा है और तीन लोग वहां से डिस्चार्ज हो गए हैं. इस प्रकार से कुल सात श्रद्धालु इसमें घायल हुए थे. सभी अधिकारियों के साथ चर्चा हुई है. यहां पर जो गोस्वामी हैं उनके यहां पर पूर्व समिति थी उनके साथ भी चर्चा हुई है. जहां पर श्रद्धालु आते हैं उसकी सीमा है उस सीमा के अंदर श्रद्धालुओं को कैसे रैगुलेट किया जाए जिससे की वो दर्शन भी लोग कर सके और साथ ही साथ इस प्रकार का हादसा न हो. उस पर विस्तृत चर्चा हुई है. जहां तक कल की बात कई सारे फैक्टर एक साथ जुड़ गए अगर पूजा पद्धति का सिक्वेन्स देखें दो नॉर्मली 12 बजे, पैने 12 बजे तक वहां पर दर्शन अलाउड होते हैं. जन्माष्टमी के दिन और उसके बाद दर्शन बंद हो जाते हैं. और करीब 12 बजकर 45-50 मिनट पर उसके बाद पांच मिनट की मंगला आरती होती है. जो साल में एक बार होती है. श्रद्धालुओं की अगर बात की जाए तो सभी श्रद्धालु प्रयास ये करते हैं कि वह मंगला आरती में वो शरीक हों.


उस तरह से श्रद्धालुओं की तरफ से प्रेसर भी होता है और वो दूर दूर से आते हैं. तो उनका आग्रह भी रहता है कि वो उसका दर्शन कर सकें. इन चीजों को देखते हुए और यहां की भौगोलिक स्थिति कैपेसिटी को देखते हुए, अभी डीएम और एसएसपी इसमें यहां की जो समिति है यहां के गोस्वामी है, यहां के श्रद्धालु हैं, सबके साथ मिलकर के एक योजना इस प्रकार से बना रहे हैं कि जिससे की श्रद्धालुओं के आवागमन को रेगुलेट किया जा सके और किसी प्रकार से इस प्रकार की घटना न घटे.


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