UP News: मथुरा (Mathura) के वृंदावन (Vrindavan) में जगन्नाथ घाट (Jagannath Ghat) स्थित है जगन्नाथ मंदिर में मंगलवार को जगन्नाथ स्नान यात्रा (Jagannath Rath Yatra) का आयोजन किया गया. जिसमें जगन्नाथ पुरी की प्राचीन परंपरा का निर्वहन करते हुए भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र को स्नान यात्रा कराई गई. जिसमें 108 कलशों से भगवान को जलाभिषेक कराया गया.
क्या है मान्यता?
वृंदावन के जगन्नाथ घाट स्थित जगन्नाथ मंदिर में यह परंपरा कई सालों से चली आ रही है. जिसके तहत ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णिमा को भगवान जगन्नाथ का जल स्नान यात्रा कराई गई. मान्यता है कि आज के दिन स्नान करने के बाद भगवान आश्वस्त हो जाते हैं. 16 दिन तक श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने से वंचित रहते हैं. 16 दिन के पश्चात जब भगवान स्वस्थ होते हैं तो उनको नगर भ्रमण कराया जाता है. इसके अलावा शोभायात्रा निकाली जाती है. इस बार वृंदावन में होने वाली जगन्नाथ शोभायात्रा 1 जुलाई को की जाएगी.
क्या है परंपरा?
इस संबंध में ज्ञान प्रकाश महाराज ने बताया कि आज के ही दिन राजा इन्धुम ने भगवान जगन्नाथ को स्नान कराया था. ब्रह्मा जी ने मंत्र उच्चारण किया और स्कन्द पुराण के हिसाब से मंगलवार को जगन्नाथ का जन्मदिन भी है. आज के दिन भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा हुई थी. 108 कलशों से स्नान यात्रा होती है, जिसमें 35 कलशों से भगवान का अभिषेक होता है. 33 से भाई बलभद्र का, 22 कलशों से बहन सुभद्रा का और 18 चक्रों का सुदर्शन चक्रों का स्नान होता है. ब्रह्मा ने कहा है कि जो भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा के दर्शन करता है फिर उसका कभी पुनर्जन्म नहीं होता और उसको कभी माता के घर में नहीं जाना होता.
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