Mathura-Vrindavan News: मथुरा (Mathura) और (Vrindavan) वृंदावन के 22 वार्ड में मांस और अन्य मांसाहारी (Non-vegetarian) वस्तुओं की बिक्री पर प्रतिबंध (ban on sale) के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) में एक याचिका दायर की गई है. अदालत ने बुधवार को राज्य सरकार के वकील से इस संबंध में सरकार से निर्देश लेने को कहा.
9 मार्च को होगी अगली सुनवाई
मुजाहिद और आठ अन्य लोगों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की खंडपीठ ने इस मामले पर नौ मार्च, 2022 को अगली सुनवाई करेगी. याचिकाकर्ताओं ने अदालत से राज्य सरकार के अधिकारियों को मांस के कारोबार में हस्तक्षेप नहीं करने का निर्देश देने का अनुरोध किया.
आदेश को रद्द करने का किया अनुरोध
इसके साथ ही उन्होंने मथुरा के जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी के 11 सितंबर, 2021 के आदेश को रद्द करने का भी अनुरोध किया. याचिकाकर्ताओं ने अदालत से अंतरिम राहत के तौर पर मथुरा के जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी की अधिसूचना पर रोक लगाने का अनुरोध किया है, अन्यथा उन्हें अपूरणीय क्षति होगी. याचिका में दलील दी गई है कि इन आदेशों से संविधान के तहत उन्हें प्रदत्त आजीविका के अधिकार का हनन होता है.
बिक्री पर लगी है रोक
आपको बता दें कि मथुरा वृंदावन में नगर निगम के 22 वार्डों को पवित्र तीर्थस्थल घोषित किया गया है. जिसके अनुपालन में खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा याचिकाकर्ताओं के मांसाहारी होटल और रेस्टोरेंट के लाइसेंस को निरस्त कर दिया है. लाइसेंस निरस्त होने के चलते मांसाहारी भोजन की बिक्री पर रोक लग गई है.
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