Mau News: खेत की मेड़बंदी कर रहे किसान को मिली मां लक्ष्मी की मूर्ति, दर्शन करने उमड़ी भीड़
UP News: किसान के खेत से सोने की मूर्ति मिलने की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई. किसान मूर्ति को घर ले आया था. पूर्व सभासद ने पुलिस को सूचना दे दी. पुलिस ने किसान से मूर्ति को कब्जे में ले लिया है.
UP News: मऊ जिले में किसान के खेत से अष्टधातु की मूर्ति मिलने की खबर आग की तरह फैल गई. मामला घोसी के मुहल्ला बड़ागांव क्षेत्र का है. पुलिस ने मूर्ति को विधि विधान से थाने में रखवा दिया है. 52 वर्षीय दलित किसान रोहित कुमार पानी के लिए खेत की मेड़बंदी कर रहे थे. अचानक फावड़ा धातु से टकरा गया. धातु से टकराने की आवाज पर उन्होंने साफ-सफाई की. जमीन के अंदर मूर्तिनुमा आकृर्ति नजर आने पर किसान हैरान रह गए. उन्होंने मूर्ति को निकालकर धुलाई की.
खेत से किसान को मिली अष्टधातु की मूर्ति
धुलाई के बाद मिट्टी साफ होने से धातु में चमक पैदा हो गई. उन्होंने साथियों को मूर्ति मिलने की जानकारी दी. पीली धातु से अनुमान लगाया गया कि मूर्ति सोने की है. सोने की मूर्ति की खबर चारों तरफ फैल गई. मूर्ति देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. किसान मूर्ति घर पर ले जाकर पूजा पाठ करने लगे. लक्ष्मी की मूर्ति के दर्शन करने लोग भी आने लगे. पूर्व सभासद ने पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने मूर्ति को किसान से लेकर सम्मानपूर्वक थाने में रखवा दिया है.
दर्शन करने के लिए लोगों की उमड़ी भीड़
बड़ागांव मोहल्ले के पूर्व सभासद गुड्डन श्रीवास्तव का कहना है कि मूर्ति देखने से मां लक्ष्मी की लगती है. पीली धातु की मूर्ति होने के कारण चर्चाओं का बाजार गर्म था. किसान के घर पहुंचकर मूर्ति मिलने की सूचना पुलिस को दी. लक्ष्मी की मूर्ति का एक हाथ खंडित था. खंडित हिस्सा भी पुलिस को मिल गया है. उन्होंने अनुमान लगाया कि फावड़ा चलाने से मूर्ति का एक हिस्सा खंडित हो गया होगा. पुलिस मूर्ति को साथ थाने ले जाकर लोगों की मौजूदगी में सम्मानपूर्वक रख दिया है.
पुलिस को दावेदार के आने का है इंतजार
घोसी थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह का कहना है कि जांच में पता चला है कि पीली धातु की मूर्ति 20 इंच ऊंची और करीब तीन किलो वजनी है. मूर्ति पीतल और अष्टधातु के मिश्रण से बनी प्रतीत हो रही है. मूर्ति की आयु का पता बीएचयू के पुरातत्व विभाग से चलेगा. पुलिस पुरातत्व विभाग से संपर्क करेगी. उन्होंने बताया कि अभी पता नहीं चल पाया है कि मूर्ति किसी मंदिर की है या नहीं. दावेदार सामने नहीं आने पर मूर्ति को थाने के मंदिर में स्थापित कर पूजा पाठ किया जाएगा.