UP Assembly Election 2022: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर आरोपों की बौछार करते हुए कहा कि 'जो गुंडे अखिलेश सरकार में खिलखिलाते थे, वे योगी सरकार में जेलों में बिलबिला रहे हैं.' मऊ जिले के घोसी विधानसभा क्षेत्र के जूनियर हाई स्कूल सरायसादी में भारतीय जनता पार्टी की चुनावी जनसभा में शिवराज सिंह चौहान ने पूर्ववर्ती सपा सरकार के दिनों की याद दिलाते हुए जनता को सपा से बचने की सलाह दी.
अखिलेश की औरंगजेब से तुलना की
अखिलेश यादव की औरंगजेब से तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह से औरंगजेब ने अपने पिता को जेल में कैद कर शासन हथिया लिया था उसी प्रकार से अखिलेश ने अपने पिता को कुर्सी से उतारकर उन्हें घर में कैद कर दिया और पार्टी पर कब्जा कर लिया है. चौहान ने कोरोना काल में बीजेपी सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, ''प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना काल में टीका बनवाया और बबुआ (अखिलेश यादव) ने चोरी से जाकर रात के अंधेरे में वैक्सीन लगवा ली और लोगों को कहते रहे कि यह बीजेपी का टीका है.'' उन्होंने कहा कि योगी की सरकार में अपराधी जेलों में हैं और डरे हुए हैं लेकिन सपा के शासन में जनता का खून पीते थे, और आतंक फैलाते थे.
दंगों को लेकर सपा पर साधा निशाना
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ''विपक्ष कह रहा है कि योगी और मोदी का परिवार नहीं है. अरे, जिसका पूरा देश और पूरा प्रदेश परिवार हो उससे ज्यादा दूसरे के सुख-दुख कौन समझ सकेगा'' मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा शासनकाल में दंगे हुए जिसके कारण अखिलेश यादव को 'दंगेश' कहा जा रहा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार बनने के बाद इस विधानसभा क्षेत्र में पृथ्वीराज चौहान की मूर्ति लगेगी. जिन्होंने मोहम्मद गोरी को 18 बार सीधा युद्ध में पराजित किया था, 19 वीं बार गोरी ने धोखे से पृथ्वीराज चौहान को बंदी बनाया था.
घोषी से कौन है सपा उम्मीदवार
बता दें कि चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश सरकार के वन मंत्री से इस्तीफा देकर बीजेपी पर दलितों और पिछड़ों की उपेक्षा का आरोप लगाने वाले दारा सिंह चौहान घोसी विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हैं और यहां बीजेपी से मौजूदा विधायक विजय राजभर किस्मत आजमा रहे हैं. शिवराज चौहान ने कहा कि यूक्रेन से भारतीय छात्रों को वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने मिशन गंगा चलाया है जबकि कोरोना महामारी काल में मिशन चलाकर लोगों को विदेशों से लाकर भारत में उनके घरों तक पहुंचाया गया.
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