Mau News: फर्जी मदरसे की जांच में सामने आया अधिकारियों के फर्जीवाड़े का बड़ा खेल, मदरसा संचालकों में हड़कंप
फर्जी अभिलेखों के आधार पर 2002 में मान्यता दी गई थी. मान्यता में लगाए गए भू-अभिलेख खतरा खतौनी आदि भी फर्जी हैं. इस मदरसे को 2013 में अनुदान पर लिया गया था.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मऊ (Mau) जिले में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में अधिकारियों और कर्मचारी की मिलीभगत से फर्जी मदरसे को अनुदान पर देने के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी. इसके बाद लखनऊ की हजरतगंज थाने की पुलिस जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के कार्यालय पहुंची और रिकार्ड खंगाला. इसके पहले पुलिस मुहम्मदाबाद गोहना तहसील के मीरपुर रहीमाबाद गांव में मदरसा इस्लमियां शफीनतुल हेदाया भी गई और कर्मचारियों का बयान लिया. इसे लेकर गहमा-गहमी की स्थिति रही.
अधिकारी ने क्या बताया
जिला अल्पसंख्यक अधिकारी साहित्य निकश सिंह ने बताया कि मुहम्मदाबाद गोहना तहसील के मीरपुर रहीमाबाद गांव में मदरसा इस्लमियां शफीनतुल हेदाया को फर्जी अभिलेखों के आधार पर 2002 में मान्यता दी गई थी. मान्यता में लगाए गए भू-अभिलेख खतरा खतौनी आदि भी फर्जी हैं. इस मदरसे को 2013 में अनुदान पर लिया गया था. उस समय भी इस मदरसे के पत्रावली की जांच की गई थी. जांच के समय तत्कालीन रजिस्ट्रार मो. तारिक ने मदरसे को अनुदान देने से इंकार कर दिया था. इसकी फाइल निरस्त कर दी गई थी.
Lucknow News: लखनऊ में सुबह 11 से शाम 5 बजे तक बिजली सप्लाई रहेगी बाधित, इन इलाकों में होगा पावर कट
कैसे आया मामला सामने
इसकी शिकायत आजमगढ़ जनपद के रसूलपुर निवासी अमजद हुसैन और आजमगढ़ के ही रमेश द्विवेदी एडवोकेट ने जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मऊ से की थी. इनकी शिकायत पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने जब जांच की तो सारा मामला सामने आ गया. उन्होंने मदरसे को फर्जी होने की अपनी रिपोर्ट मदरसा बोर्ड और शासन को भेज दी थी. इसी रिपोर्ट के आधार पर बीते दिनों मदरसे की मान्यता निरस्त करते हुए इसके प्रबंधक के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई थी. एफआइआर दर्ज किए जाने के बाद से ही जनपद के मदरसा संचालकों में हड़कंप मच गया था.
कर्मचारियों से बयान लिया
वहीं हजरतगंज थाने के विवेचना अधिकारी सहित टीम पहले रहीमाबाद गांव स्थित मदरसा पर पहुंची. यहां जांच पड़ताल और कर्मचारियों से बयान लिया गया. सारी कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद टीम शाम को कलेक्ट्रेट स्थित जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के कार्यालय पहुंची. यहां अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी साहित्य निकष सिंह से पूरे मामले की जानकारी ली और कागजातों का मिलान किया. इसके बाद वापस लखनऊ रवाना हो गई.
मंत्री दानिश ने क्या कहा
वहीं अल्पसंख्यक मंत्री दानिश अली ने कहा कि हमारे आम मुस्लिम भाइयों के लिए यह शिक्षा व्यवस्था दी गई है. इसमें अगर किसी तरह का कोई भी भ्रष्टाचार पाया जाएगा तो यह करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल मामला दर्ज है और जांच के बाद आगे इसकी जानकारी मीडिया से शेयर की जाएगी.
Mahoba News: शिक्षकों के घड़े से पानी पीने को लेकर 'दलित' छात्रा की पिटाई के बाद जांच के आदेश