Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के मऊ (Mau) जिले में घाघरा नदी (Ghaghra river) के तेज कटान से तटवर्ती गांवों के लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. कटान तेज होने से गांव के कई लोग पलायन करने को मजबूर हैं. वहीं प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. जिले के मधुबन तहसील क्षेत्र में घाघरा नदी ने हर वर्ष अपना कहर बरसाने का काम किया है. 


सैकड़ो घर पानी में डूबे
कई वर्षों से कटान होने के चलते अब तक सैकड़ों घर और सैकड़ों एकड़ की उपजाऊ भूमि पानी में विलीन हो चुकी है. घाघरा नदी के कटान से मधुबन तहसील क्षेत्र में रहने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कटान से लोगों के सामने रहने, खाने, पशुओं को चारा देने जैसी भी समस्याएं आम हो जाती हैं.
     
क्या कहना है कटान पीड़ितों का
कटान पीड़ितों का कहना है कि, प्रशासन की ओर से कटान को रोकने के लिए कोई भी कार्य नहीं किया गया है. हर साल सिर्फ आश्वासन दिया जाता है. अधिकारी आते हैं और सिर्फ सुरक्षा, सही व्यवस्था का हवाला देकर मौके से गायब हो जाते हैं. वहीं लगातार कटान होने के चलते विंटोलिया, नई बस्ती, धर्मपुर विशुनपुर समेत अन्य क्षेत्र के लोग खुद ही अपने-अपने हाथों से अपने आशियाने को तोड़ते हुए दूसरी जगहों पर जाने को मजबूर होने लगे हैं.


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क्या कहा जिलाधिकारी ने
वहीं इस मामले में जिलाधिकारी अरूण कुमार का कहना है कि, बाढ़ को लेकर पूरी तरह से व्यवस्था तैयार कर ली गई है. लगातार कटान होने के चलते वहां के रहने वाले लोगों को वहां से सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कह दिया गया है. 


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