Loudspeaker Row: धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर हटाने का विवाद चर्चाओं में आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सभी धार्मिक स्थानों पर लाउडस्पीकर बैन करते हुए उन्हें उतारने का आदेश जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद यूपी के मऊ (Mau) में जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा सभी मंदिर-मस्जिद से लाउडस्पीकर उतारने की मुहिम चलाते हुए अधिकतर धार्मिक संस्थानों से प्रशासन द्वारा नोटिस के बाद लाउडस्पीकर उतार दिए गए हैं. जिला प्रशासन की इस कार्रवाई के चलते कई जगह लोगों ने खुद पहल करते हुए मंदिर-मस्जिदों से लाउडस्पीकर और साउंड सिस्टम को या तो उतार लिया है या फिर बंद कर दिया है. 


मौलवी ने क्या कहा
जहां एक तरफ मुस्लिम और हिंदू समाज के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को सही बताते हुए स्वागत किया है तो वहीं मस्जिद के मौलवी ने कहा है कि देश संविधान से चलता है और हिंदुस्तान का संविधान हमेशा न्यायप्रिय रहा है. देश में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो गाइडलाइन जारी की है हम उसका स्वागत करते हैं लेकिन कहीं ना कहीं इस आदेश को उस समय जारी किया गया जब देश में रमजान का महीना चल रहा है. 


मौलवी ने कहा, हम लोग नमाज पढ़ते वक्त किसी भी तरह का शोर शराबा या लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं करते हैं लेकिन दोपहर की नमाज के वक्त लाउडस्पीकर से अजान की जाती है जिससे मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोग अजान सुनकर सुबह उठते हैं और नमाज पढ़ते हैं. रमजान के महीने में भी सुबह लोगों को सहरी के लिए उठाया जाता है. 


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फैसले का स्वागत-मौलवी
मौलवी ने कहा, हम मानते हैं कि लाउडस्पीकर को तेज ध्वनि से बजाकर हम ध्वनि प्रदूषण करते हैं लेकिन हिंदुस्तान हमेशा आस्था का केंद्र रहा है और यहां की गंगा जमुनी तहजीब से लोग एक दूसरे को त्यौहार पर भेंट कर संप्रदायिक भाईचारे की मिसाल देते हैं. लाउडस्पीकर बंद होने से परेशानी तो जरूर आएगी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सोच समझकर यह फैसला दिया होगा इसलिए हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं.


पुजारी ने क्या कहा
वहीं मंदिर के पुजारी मुन्ना शास्त्री भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे सही बता रहे हैं. उनका भी कहना है कि कहीं ना कहीं हम आस्था पर आवाज का प्रदूषण फैला रहे हैं. इबादत और पूजा बिना लाउडस्पीकर के भी की जा सकती है. इंसान सच्चे मन से भगवान का नाम ले बस यही सच्ची श्रद्धा है लेकिन आस्था के नाम पर शोर शराबा करना ठीक नहीं है.


श्रद्धालु ने क्या कहा
मंदिर और मस्जिद से लाउडस्पीकर हटाए जाने पर मंदिर में श्रद्धालु महिला ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए अपील की है कि लोगों को खुद ही मस्जिदों और मंदिरों से लाउडस्पीकर को हटा लेना चाहिए. लाउडस्पीकर बंद हो जाने से कहीं ना कहीं परेशानियां तो जरूर आएंगी लेकिन अपने मुल्क के पर्यावरण और सलामती के लिए हम सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का स्वागत करते हैं.


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