Lucknow News: लखनऊ में शिया मुसलमानों (Shia Muslim) का महासम्मेलन आयोजित हुआ, जिसमें शिया समुदाय की समस्याओं के हल और मौजूदा सूरतेहाल पर विचार विमर्श किया गया. इस दौरान शिया नेताओं ने सरकार से पारसी समुदाय (Parsi Community) की तरह शिया समुदाय को भी संसद में आरक्षण देने की मांग की, साथ ही समुदाय को विशेष पैकेज देने को भी कहा. ये सम्मेलन शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद (Maulana Kalbe Jawad) की अगुवाई में बड़ा इमामबाड़े में आयोजित किया गया. इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए मौलवियों ने शिया समुदाय की समस्याओं पर विचार विमर्श किया. 


मौलाना कल्बे जवाद ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि लखनऊ में ही तीन विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां उम्मीदवारों की हार-जीत शिया मुसलमानों के वोट से ही तय होती है. उन्होंने कहा, 'शिया समुदाय तय करता है कि लखनऊ में कौन चुनाव जीतेगा और फिर भी हमें नजरअंदाज किया जा रहा है.' उन्होंने सरकार से मांग की कि शिया समुदाय को विशेष पैकेज देना चाहिए. 


शिया समुदाय के लिए आरक्षण की मांग
मौलाना जवाद ने कहा, ‘‘शिया समुदाय का संसद में कोई प्रतिनिधि नहीं है. हमारी सरकार से मांग है कि वह पारसी समुदाय की तरह शिया समुदाय के लिए भी संसद में आरक्षण उपलब्ध कराएं.’’ उन्होंने कहा, 'हम मांग करते हैं कि शिया समुदाय के युवाओं को सरकारी नौकरियों में आरक्षण, आर्थिक पैकेजों में आरक्षण, संसद और विधानसभा में आरक्षण मिलना चाहिए और सरकार को वक्फ संपत्ति से सभी अतिक्रमण को हटाना चाहिए.'


कल्बे जवाद ने कहा कि शिया समुदाय को सरकार का फायदा लेने के लिए राजनीतिक रूप से मजबूत होने की जरूरत है. जो समुदाय सियासी रूप से मजबूत नहीं होता उसे कोई लाभ नहीं मिलता. उन्होंने कहा कि सरकार पसमांदा मुस्लिमों की बात करती रहती है, लेकिन असल में पसमांदा की बड़ी संख्या शिया समुदाय में है. 


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