UP News: जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक और प्रसिद्ध देवबंदी आलिम मौलाना कारी इसहाक गोरा ने मुसलमानों को गैर-इस्लामी रस्मों से बचने की हिदायत दी है. उन्होंने कहा कि वैलेंटाइन डे जैसी परंपराएं इस्लामी तहजीब के खिलाफ हैं और मुसलमानों को इनसे दूर रहना चाहिए.
मौलाना इसहाक गोरा ने कहा कि इस्लाम हर इंसान को पाक-साफ और नैतिक जिंदगी गुजारने की सीख देता है. उन्होंने बताया कि वैलेंटाइन डे जैसे त्योहारों में फिजूलखर्ची, गैर-जरूरी मेलजोल और नैतिक गिरावट को बढ़ावा दिया जाता है, जो इस्लामी मूल्यों के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि यह पश्चिमी सभ्यता की देन है, जिसमें कई बार ऐसी हरकतें होती हैं जो इस्लाम की सिखाई हुई पाकीजगी और शालीनता से मेल नहीं खातीं. उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे अपने जीने के तरीके में इस्लामी संस्कृति को प्राथमिकता दें.
मौलाना गोरा ने माता-पिता और बुज़ुर्गों से भी कहा कि वे अपने बच्चों की सही परवरिश और तालीम पर ध्यान दें. उन्होंने कहा कि आज का युवा पश्चिमी असर में आकर अपनी असली तहजीब और मजहबी मूल्यों को भूलता जा रहा है, जो समाज के लिए खतरनाक है. उन्होंने जोर देकर कहा कि इस्लाम इंसान को हर पहलू में पाकीजगी और शालीनता की हिदायत देता है. मुसलमानों को अपने त्योहार और खुशियां इस्लामी तरीके से मनानी चाहिए ताकि उनकी दीनी और दुनियावी जिंदगी बेहतर हो सके.
इससे पहले मौलाना कारी इसहाक गोरा ने नए साल का जश्न न मानने को कहा था. मौलाना कारी इसहाक गोरा ने कहा था कि इस्लाम एक मुकम्मल जिंदगी का निजाम है, जो मुसलमानों को हर मामले में रहनुमाई करता है. उन्होंने कहा था कि नया साल मनाना या इस मौके पर पार्टी, म्यूजिक, डांस और आतिशबाजी जैसी सरगर्मियों में शरीक होना, इस्लामी तालीमात के खिलाफ है.
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