वाराणसी: कोरोना की दूसरी लहर लगभग समाप्ति की ओर है और ऐसे में बीएचयू के वैज्ञानिकों का शोध सामने आया है. इस शोध के नतीजे चौंकाने वाले हैं. वाराणसी में कोरोना वायरस के डेल्टा वेरियंट सबसे ज्यादा मिले हैं. इसके साथ ही शोध में दक्षिण अफ्रीका का भी म्यूटेंट मिला है. अब वैज्ञानिक तीसरी संभावित लहर और उसके प्रभाव को लेकर शोध में जुट गए हैं.


130 नमूनों का सीक्वेंस लिया गया


आपको बता दें कि, जब कोरोना की दूसरी लहर ने ताण्डव मचाना शुरू किया, तब बीएचयू के वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गयी और तीस लोगों की टीम तैयार हुई. बाकायदा नमूनों पर गहन अध्ययन शुरू हुआ. वाराणसी सहित मिर्जापुर और अन्य जिलों के नमूनों को लिया गया. अध्ययन में 130 नमूनों का सीक्वेंस किया गया. 


डेल्टा वैरियंट सबसे ज्यादा


बीएचयू और सीएसआईआर सेल्युलर,सीसीएमबी हैदराबाद ने वाराणसी और आस पास के क्षेत्रों के कोरोना वायरस वैरिएंट के जीनोम को सीक्वेंस किया गया इसके बाद आये नतीजों में डेल्टा वैरिएंट सबसे ज्यादा मिलने की बात सामने आई है. अब कोरोना के आतंकी स्वरूप को लेकर शोध जारी है और बीएचयू के वैज्ञानिकों की माने तो जल्द ही इस पर भी कामयाबी हासिल होगी.


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