लखनऊ, एबीपी गंगा। आखिरकार ये साफ हो गया है कि फिलहाल सपा-बसपा गठबंधन पर कोई ब्रेक नहीं लग रहा है, लेकिन ये जरूर है कि 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव बीएसपी अकेले ही लड़ेगी। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्ट रूप से कहा कि राजनीति में कुछ भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने ये भी आगाह किया कि अगर अखिलेश नहीं सुधरते हैं, तो अकेले लड़ना ही सही रहेगा। लगातार हार पर मंथन कर रही मायावती ने फिर दोहराया कि हमें सपा का बेस वोट नहीं मिला।
डिंपल की हार पर कहा
सपा के गढ़ कही जाने वाली कन्नौज लोकसभा सीट से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल की हार पर मायावती ने कहा कि उनकी हार हमें बहुत कुछ सोचने पर मजबूर करता है। साथ ही उन्होंने अक्षय यादव की हार का भी जिक्र किया।
मायावती की प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें
- गठबंधन पर ब्रेक नहीं, हमारे रिश्ते खत्म होने वाले नहीं हैं।
- समाजवादी पार्टी में बड़े सुधार की जरूरत है।
- अखिलेश और डिंपल मेरी इज्जत करते हैं।
- सपा के मजबूत उम्मीदवार भी हारे।
- सपा के साथ भीतरघात हुआ।
- गठबंधन को यादव वोट नहीं मिला।
- आगे भी साथ मिलकर चल सकते हैं।
- अखिलेश अपनी पार्टी के हालात सुधारें।
- हमारे रिश्ते केवल राजनीतिक स्वार्थ के लिए नहीं हैं।
गठबंधन पर अखिलेश का बयान
सपा-बसपा गठबंधन पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि यदि गठबंधन टूट गया है, तो मैं इस पर गहराई से विचार करूंगा और अगर उप-चुनाव में गठबंधन नहीं होता है, तो समाजवादी पार्टी चुनाव की तैयारी करेगी। सपा भी अकेले सभी 11 सीटों पर लड़ेगी।
अपने संसाधनों पर चुनाव लड़ेंगे: अखिलेश
बीएसपी सुप्रीमो मायावती की ओर से उपचुनाव अकेले लड़ने की घोषणा के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव भी ये कहते देखे गए हैं कि अब हम अपने साधन और अपने संसाधनों से चुनाव लड़ेंगे। सोमवार के बीएसपी की समीक्षा बैठक के दौरान मायावती की ओर से गठबंधन टूटने के संकेत मिलने के बाद जब अखिलेश से इस विषय में पत्रकारों ने सवाल किए, तो वो जवाब देते से बचते दिखे। हालांकि, ये जरूर बोल गए कि अपने संसाधनों पर चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि सोमवार को जब दिल्ली में मायावती गठबंधन की समीक्षा बैठक कर सपा की खामिया गिना रही थीं, तब आजमगढ़ में अखिलेश अपनी जीत के लिए वहां के वहां के लोगों को धन्यवाद करने पहुंचे थे।
11 सीटों पर उपचुनाव अकेले लड़ेगी BSP
गौरतलब है कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को ये घोषणा की कि बीएसपी राज्य में 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में अकेले लड़ेगी। जिसका सीधा मतलब माना जा रहा है कि मायावती सपा के साथ गठबंधन को ज्यादा लंबा जारी रखने के मूड में नहीं हैं। इतना ही नहीं, दिल्ली में हुई समीक्षा बैठक के दौरान मायावती ने कहती भी दिखीं कि सपा के साथ गठबंधन से उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ है। दोनों दलों के बीच वोट भी ट्रांसफर नहीं हुए हैं।
यादवों ने नहीं दिया वोट : मायावती
इस बैठक में मायावती ने ये भी कहा कि समाजवादी परिवार की कहर का परिणाम चुनाव में भी देखने को मिला। जहां बैठक में उन्होंने तीन बार शिवपाल यादव का नाम लिया और कहा कि शिवपाल ने कई जगहों पर यादव वोट बीजेपी को ट्रांसफर करा दिया।
एक्शन में बहनजी, कईयों पर गिरी गाज
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद मायावती एक्शन मोड में हैं। इसे लेकर कई प्रभारियों पर अबतक गाज गिर चुकी है। खराब प्रदर्शन के चलते उन्होंने उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, राजस्थान, गुजरात, उड़ीसा समेत कई राज्यों के प्रभारियों को हटा दिया है। इसके साथ ही दिल्ली और मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्षों को भी हटाया गया है।