लखनऊ, एबीपी गंगा। दिल्ली के तुगलकाबाद में रविदास मंदिर को ढहाये जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। बुधवार को मंदिर तोड़े जाने के विरोध में तुगलाकाबाद में उपद्रवियों ने जमकर तोड़फोड़ की। तोड़फोड़ के आरोप मायावती की पार्टी बसपा के कार्यकर्ताओं पर लगे थे। मायावती ने इस पर अपनी सफाई दी है। मायावती ने इस घटना को अनुचित बताते हुए कहा कि उनकी पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि बसपा संविधान और कानून का हमेशा सम्मान करती है और वह कानून के दायरे में रहकर ही संघर्ष करती है।


मायावती ने बसपा कार्यकर्ताओं को हिदायत दी कि तुगलकाबाद में रविदास मंदिर गिराए जाने की अति दुखद घटना के बाद अगर सरकार वहां धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाती है तो कार्यकर्ता उसका उल्लंघन ना करें और घटनास्थल पर जबरन जाने की कोशिश ना करें ताकि सरकार को निरंकुश और द्वेषपूर्ण कार्रवाई करके उन्हें प्रताड़ित करने का कोई मौका न मिल सके।


गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने 10 अगस्त को मंदिर गिरा दिया था। इसके विरोध में गुरुवार को दलितों का प्रदर्शन हिंसक हो गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मंदिर स्थल तक जाने की अनुमति नहीं दी थी जिसके कारण प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए। इसे काबू में करने के लिये पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस छोड़नी पड़ी।


इस मामले में 'भीम आर्मी' के संस्थापक चंद्रशेखर समेत करीब 96 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि सरकार तुगलकाबाद में भूखंड दलित समुदाय को सौंपे और मंदिर का पुनर्निर्माण कराया जाए।