UP Politics: BSP को नई राह देगा मायावती का ये प्रयास, केंद्र और केजरीवाल सरकार के बीच टकराव पर दी पहली प्रतिक्रिया
बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने केंद्र और दिल्ली (Delhi) सरकार के बीच जारी टकराव पर पहली प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने जम्मू कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव होने की संभावना जताई है.
UP News: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने रविवार को बीजेपी (BJP) नीत सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार की सही नीयत और नीति के अभाव में करोड़ों गरीबों, मजदूरों, उपेक्षितों-शोषितों का जीवन बद से बदतर होता जा रहा है.
बसपा प्रमुख ने अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए रविवार को दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और झारखंड के वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर उन्हें पार्टी का जनाधार बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी और केन्द्र व राज्य की सरकारों पर जमकर प्रहार किया.
नीति और नीयत पर उठाए सवाल
बसपा मुख्यालय से यहां जारी एक बयान के अनुसार, करोड़ों गरीबों, मजदूरों के हालात बदतर होते जाने पर बेदह दुख व गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए मायावती ने कहा, ‘‘गरीबों, मेहनतकशों व अन्य उपेक्षित समाज के लिए अपेक्षित सामाजिक विकास व आर्थिक तरक्की के संबंध में सरकार की सही नीयत व नीति के अभाव के कारण ही इनके हालात अभी तक सुधर नहीं पा रहे हैं जो सरकारों के बहुप्रचारित विकास के दावे को खोखला साबित करता है.’’
केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच जारी तनातनी का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा, ‘‘केंद्र व दिल्ली सरकार में आपसी अविश्वास, असहयोग व टकराव से आम जनहित प्रभावित हो रहा है जबकि दिल्ली को इनके बीच आपसी सहयोग से विकास, जनहित व जनकल्याण की बेहतरीन मिसाल होना चाहिए. दोनों के बीच अन्तहीन टकराव दुखद है.’’
विधानसभा चुनाव होने की संभावना
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव जल्द ही होने की संभावना जताते हुए बसपा प्रमुख ने पार्टी कार्यकर्ताओं को केंद्र शासित प्रदेश में भी अपनी तैयारी पूरी रखने की नसीहत दी. उन्होंने हिमाचल प्रदेश में भी पार्टी को अपनी तमाम कमियों को दूर करके आगे बढ़ने पर जोर दिया.
मायावती ने झारखंड में पार्टी में युवा वर्ग को जोड़कर आगे बढ़ने की रणनीति पर बल दिया. बसपा प्रमुख ने यह भी कहा कि देश में लोगों को बढ़ती महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, खराब शिक्षा व्यवस्था और स्वास्थ्य सुविधाओं की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन सरकारें इस ओर ध्यान नहीं दे रही हैं.