Surendra Sagar News: रामपुर में बहुजन समाज पार्टी से पूर्व दर्जा मंत्री सुरेंद्र सागर के निष्कासन की कहानी बड़ी दिलचस्प है उन पर ना तो कोई पार्टी विरोधी काम करने का आरोप है और ना ही उनसे कोई जवाब तलब किया गया बल्कि सीधे उन्हें पार्टी से निष्कासित करने का हिटलर शाही फरमान सुना दिया गया. दरअसल इस पूरे निष्कासन के पीछे बसपा नेता सुरेंद्र सागर के बेटे अंकुर सागर का विवाह समाजवादी पार्टी के नेता मौजूदा विधायक त्रिभुवन दत्त की बेटी कुसुम दत्त से होना बताया जा रहा है.
त्रिभुवन दत्त अंबेडकर नगर की आलापुर विधानसभा से मौजूदा सपा विधायक है. इस विवाह की सूचना जब बसपा सुप्रीमो मायावती को मिली तो उन्होंने बेटे को घोड़ी चढ़ाने की कीमत में बसपा नेता सुरेंद्र सागर को हाथी से ही नीचे उतार फेंका. फिलहाल बसपा नेता को बेटे की शादी करने का बड़ा खामियाजा उठाना पड़ा है, जिसके बाद उन्होंने बसपा सुप्रीमो पर ही सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा अगर बहन जी के निर्णय सही हो जाए तो बहुजन समाज पार्टी जो देश में तीसरे नंबर की पार्टी है देश में पहले नंबर की पार्टी बन सकती है.
बसपा नेता सुरेंद्र सिंह सागर से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम में जो जानकारी मिली है बेटे के शादी का रिसेप्शन 3 दिसंबर को था, 2 दिसंबर को पार्टी के जो कोऑर्डिनेटर थे वह बहन जी के पास गए थे. उन्होंने बुलाया था किसी और काम से तो वहां चर्चा यह भी हुई कि मेरे बेटे की शादी सपा विधायक की बेटी से हुई है.
इस पर जो सलाहकार थे उन्होंने बार-बार बहन जी से इस बात को रिपीट किया तो बहन जी ने इस पर कहा ठीक है अगर ऐसी बात है तो आप लोग शादी में मत जाना लेकिन हमारी तरफ से लोगों का निमंत्रण था और कार्ड गए हुए थे. इसलिए अधिकतर लोग आए थे क्योंकि हमारे सबसे पारिवारिक संबंध है. यहां के वर्तमान जिला अध्यक्ष के द्वारा यह शिकायत भेजी गई की बहन जी के आदेश का पालन न करते हुए लोग शादी में पहुंचे हैं इस बात को कोऑर्डिनेटरों ने बड़ा चढ़ाकर पेश किया और इस तरह की कार्रवाई को अंजाम दिलवाया.
समाज के लिए आगे भी संघर्ष करते रहेंगे- सुरेंद्र सागर
वहीं यह पूछे जाने पर की समाजवादी पार्टी के विधायक की बेटी से आपके बेटे की शादी हुई इसलिए आपको यह खामियाजा भुगतना पड़ा पूर्व दर्जा राज्य मंत्री सुरेंद्र सागर बोले इसमें खामियाजा की कोई बात नहीं है हम तो बहुजन मोमेंट की विचारधार के व्यक्ति हैं समाज के लिए आगे भी संघर्ष करते रहेंगे. निष्कासन की खबर मिलने पर आपको कैसा लगा यह पूछने पर सुरेंद्र सागर बोले- पार्टी कोई भी हो हाई कमान का फैसला सर्वोपरि होता है. उसमें फैसले में कुछ चीज गलत भी होती हैं कुछ सही भी होती है उसकी आलोचना जैसे-जैसे पूरे जिले में पूरे प्रदेश में लोगों को जानकारी मिली है तो मैं सोचता हूं ज्यादातर लोगों ने पार्टी के इस निर्णय की आलोचना की है कि इस तरह का फैसला नहीं होना चाहिए.
1995 से राजनीति में हैं सुरेंद्र सागर
उन्होंने बताया कि मैंने 1995 से सक्रिय रूप से राजनीति शुरू की थी और जिले में मंडल में और जोन में कोई ऐसा पद नहीं बचा है जिसमें रहकर मैंने पार्टी के लिए कार्य नहीं किया हो. दो बार विधायक का चुनाव भी लड़ा हूं 2009 में और 2022 में. सरकार में रहकर दर्जा मंत्री का पद भी रहा है मेरे पास, 4 बार मैं जिला अध्यक्ष रहा हूं, मंडल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी लगातार मैंने निभाई है और पार्टी के लिए काफी संघर्ष किया है उत्तर उत्तराखंड का प्रदेश प्रभारी भी रहा हूं.
बसपा राष्ट्रीय पार्टी थी वह धीरे-धीरे खत्म हो रही है
आगे क्या रणनीति होगी इस सवाल पर उन्होंने कहा हमारे पार्टी में हमसे आस्था रखने वाले उनसे चर्चा करके यह तय करेंगे कि आगे क्या करना है. बहन जी से मेरी अपील है कि इस तरह के निर्णय लेने से बहुजन समाज पार्टी जो राष्ट्रीय पार्टी थी वह धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है और सबसे ज्यादा नुकसान बहन जी के साथ, समाज के उसे वर्ग को हो रहा है जो बहुजन समाज पार्टी को वोट देते हैं सपोर्ट करते हैं. वह लोग पूरी तरीके से आज मायूस है, जिस तरह से बहन जी निर्णय ले रही है अगर बहन जी के निर्णय सही हो जाए तो बहुजन समाज पार्टी जो देश में तीसरे नंबर की पार्टी है देश के पहले नंबर की पार्टी बन सकती है.
(रवि दुबे की रिपोर्ट)
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