NEET Paper Leak: नीट पेपर लीक मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि ये परीक्षा दोबारा नहीं कराई जा सकती है क्योंकि बड़ी गड़बड़ी साबित नहीं हुई है. जिसे लेकर अब बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की प्रतिक्रिया सामने आई हैं. बसपा सुप्रीमो ने इस मामले को लेकर केंद्रीय मेडिकल परीक्षा की प्रक्रिया को खत्म कर पुरानी व्यवस्था को बहाल करने की मांग की है. 


नीट पेपर लीक के मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों समेत बसपा सुप्रीमो मायावती भी लगातार सवाल उठा रही हैं. जिसके बाद अब उन्होंने मेडिकल की पुरानी परीक्षा प्रणाली को ही बहाल करने की मांग कर दी है उन्होंने कहा कि जिस तरह से नीट कराने वाली परीक्षा एनटीए पर सवाल उठ रहे हैं वो गंभीर मुद्दा है. इससे लाखों परीक्षार्थी मानसिक पीड़ा झेल रहे हैं. 


बसपा सुप्रीमो मायावती ने की मांग
बसपा सुप्रीमो ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा- 'ऑल-इण्डिया नीट-यूजी मेडिकल परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर स्वाभाविक तौर पर सड़क से लेकर संसद व सुप्रीम कोर्ट तक में यह मामला गर्माया रहा. अब नतीजा चाहे जो भी हो, लेकिन लाखों परीक्षार्थियों व उनके परिवार वालों को इसको लेकर हुआ दुःख-दर्द व मानसिक पीड़ा हमेशा सताएगी.'


उन्होंने आगे कहा- 'केन्द्र मेडिकल की इतनी अहम परीक्षा सही से कराने के मामले में देश को आश्वस्त कर पाने में अभी तक विफल है. जो समस्या को और गंभीर बना रहा है. अतः केन्द्रीयकृत मेडिकल नीट यूजी-पीजी परीक्षाओं को समाप्त कर इसके लिए पुनः पुरानी व्यवस्था क्यों न बहाल हो, जैसा कि कई राज्य सरकारों की मांग है.'


विपक्ष ने भी उठाया मुद्दा
आपको बता दें कि नीट का मुद्दा मानसून सत्र में भी छाया रहा. लोकसभा ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और सपा सांसद अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को प्रश्नकाल के दौरान उठाया और केंद्र सरकार पर हमला बोला था. राहुल गांधी ने कहा कि नीट पेपर लीक में शिक्षा मंत्री ने खुद को छोड़कर बाकी सभी लोगों को जिम्मेदार बताया वहीं अखिलेश यादव ने तो यहां तक कह दिया था कि जब तक धर्मेंद्र प्रधान मंत्रीपद पर रहेंगे. इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती. 


इधर सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूपी पेपर लीक मामले में आदेश देते हुए दोबारा परीक्षा कराने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि परीक्षा में बड़ी गड़बड़ी साबित नहीं हुई है इसलिए दोबारा परीक्षा कराना ठीक नहीं है. ये 24 लाख छात्रों के भविष्य का सवाल है.