Anand Mohan Release: CM नीतीश कुमार पर फिर भड़कीं मायावती, आनंद मोहन की रिहाई पर कहा- 'दलित विरोधी निगेटिव...'
आनंद मोहन की रिहाई को लेकर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री Mayawati ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने इसे लेकर Nitish Kumar सरकार की आलोचना की है. साथ ही नीतीश सरकार को पुनर्विचार की सलाह दी है.
Anand Mohan News: बिहार में नीतीश सरकार के द्वारा कारा नियमों में हुए संशोधन पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने बिहार की नीतीश सरकार को आनंद मोहन के रिहा करने के मामले में एक बार पुनर्विचार करने की सलाह दी है.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसे लेकर ट्वीट किया कि “बिहार की नीतीश सरकार द्वारा आन्ध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) महबूबनगर के रहने वाले गरीब दलित समाज से आईएएस बने बेहद ईमानदार जी. कृष्णैया की निर्दयता से की गई हत्या मामले में आनन्द मोहन को नियम बदलकर रिहा करने की तैयारी देश भर में दलित विरोधी निगेटिव कारणों से काफी चर्चाओं में है. गोपालगंज के तत्कालीन डीएम श्री कृष्णैया की हत्या के मामले को लेकर नीतीश सरकार का यह दलित विरोधी व अपराध समर्थक कार्य से देश भर के दलित समाज में काफी रोष है. चाहे कुछ मजबूरी हो किन्तु बिहार सरकार इस पर जरूर पुनर्विचार करे.”
आनंद मोहन को हुई थी उम्र कैद
दरअसल नीतीश सरकार ने कारा नियमों में एक बदलाव किया है. जिसके बाद बिहार के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता सहित 27 अन्य बंदी जेल से रिहा होंगे. बता दें कि गोपालगंज के जिलाधिकारी जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में पूर्व सांसद आनंद मोहन को पटना उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2008 में उम्र कैद की सजा सुनाई थी.
क्या है बिहार सरकार का नया बदलाव
हाल ही में, बिहार जेल नियमावली 2012 में नीतीश सरकार ने एक संशोधन किया है. इस नियमावली से सरकारी कर्मचारी के हत्यारे कैटिगरी को अब हटा दिया गया है. 10 अप्रैल को इसे लेकर राज्य के गृह विभाग के द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था. इस नोटिफिकेशन के बाद पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर भी मुहर लग गई है.