लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को कहा कि पिछली सरकारों ने भी बीएसपी सरकार की तरह गांवों के विकास पर अगर ध्यान देना जारी रखा होता तो आज कोरोना महामारी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति इतनी गंभीर और जानलेवा नहीं होती.


मायावती ने बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर अपने संदेश में कहा, "गौतम बुद्ध के जन हिताय के आदर्शों के तहत बीएसपी की सरकार ने ज्यादातर गांवों में बसने वाले सर्वसमाज के सुविधा-विहीन गरीबों और उपेक्षित लोगों के जीवन को थोड़ा बदलकर उन्हें संवारने के लिए 'डॉक्टर आम्बेडकर ग्रामसभा समग्र विकास योजना' के अन्तर्गत गांवों को 18 बुनियादी सुविधाओं से लैस करने का काफी बड़े स्तर पर प्रभावी प्रयास किया, जो विरोधियों को कतई नहीं भाया और बाद के सालों में उस योजना की घोर उपेक्षा की गई." 


गौतम बुद्ध के जीवन आदर्शों पर चलना होगा- मायावती


बीएसपी अध्यक्ष ने कहा, "यह कड़वा सच जग-जाहिर है कि उत्तर प्रदेश में ग्रामीण विकास की इस खास व प्रमुख योजना को अगर यहां कि पिछली सरकारों ने भी जारी रखा होता तो आज कोरोना महामारी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में जो दुःख, तड़प और अति-बदहाली की स्थिति छाई हुई है, वह इतनी गंभीर और अति-जानलेवा शायद कभी नहीं होती." 


उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "राजनीतिक व जातिवादी द्वेष से ऊपर उठकर तथागत गौतम बुद्ध के जीवन आदर्शों पर चलकर उत्तर प्रदेश और भारत देश को फिर से जगद्गुरु बनाने के प्रयास की जरूरत है. इसके लिए समाज के साथ-साथ सभी सरकारों को भी अपनी नीयत साफ और ईमानदार बनाकर कथनी तथा करनी के अन्तर को मिटाना होगा." मायावती ने गौतमबुद्ध के अनुयायियों को 'बुद्ध पूर्णिमा' की हार्दिक बधाई और कोरोना के इस अति-विपदा काल में बेहतर स्वास्थ्य एवं सुखद जीवन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कोरोना वायरस की महामारी लगातार घातक होने के कारण देश में हर तरफ जो त्रासदी है, उसमें दूसरों के प्रति दया, करुणा, दानशीलता और इन्सानियत को जिन्दा रखना बहुत जरूरी है.


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