मायावती बोलीं- संसद में सरकार की कार्यशैली और विपक्ष का बर्ताव लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला
उच्च सदन में रविवार को कृषि संबंधित विधेयक के पारित होने के दौरान विपक्ष के सदस्यों ने भारी हंगामा किया था.
लखनऊ: यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने केंद्र सरकार और विपक्ष पर जमकर हमला बोला है. मायवती ने किसान बिल को लेकर संसद में हुए हंगामें को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों को निशाने पर लिया है.
मायावती ने ट्विटर पर लिखा, ''वैसे तो संसद लोकतंत्र का मन्दिर ही कहलाता है फिर भी इसकी मर्यादा अनेकों बार तार-तार हुई है. वर्तमान संसद सत्र के दौरान भी सदन में सरकार की कार्यशैली व विपक्ष का जो व्यवहार देखने को मिला है वह संसद की मर्यादा, संविधान की गरिमा व लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला है. अति-दुःखद.''
वैसे तो संसद लोकतंत्र का मन्दिर ही कहलाता है फिर भी इसकी मर्यादा अनेकों बार तार-तार हुई है। वर्तमान संसद सत्र के दौरान भी सदन में सरकार की कार्यशैली व विपक्ष का जो व्यवहार देखने को मिला है वह संसद की मर्यादा, संविधान की गरिमा व लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला है। अति-दुःखद।
— Mayawati (@Mayawati) September 23, 2020
दरअसल, उच्च सदन में रविवार को कृषि संबंधित विधेयक के पारित होने के दौरान विपक्ष के सदस्यों ने भारी हंगामा किया था. सरकार ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन, डोला सेन, माकपा के इलामरम करीम, के के रागेश, आप के संजय सिंह, कांग्रेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा को शेष सत्र के लिए निलंबन का एक प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने ध्वनि मत से पारित कर दिया. इसके बाद राज्यसभा के निलंबित 8 सदस्य धरने पर बैठ गए.
संसद परिसर में मंगलवार सुबह धरने पर बैठे राज्यसभा के निलंबित 8 सदस्यों के लिए राज्यसभा के उप-सभापति हरिवंश नारायण सिंह चाय-नाश्ता लेकर पहुंचे थे. लेकिन इन सांसदों ने पाय पीने से इनकार कर दिया था. इसके बाद उप सभापति हरिवंश ने विपक्षी सांसदों द्वारा किए गए अनियंत्रित व्यवहार के खिलाफ 24 घंटों के लिए उपवास रखने का ऐलान कर दिया था. हालांकि इन सांसदों ने अपना धरना अब खत्म कर दिया है.
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