मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर मायावती ने सरकार को घेरा, कहा- देशव्यापी कानून बनाने की है जरूरत
मायावती ने कहा कि भीड़ हिंसा एक भयानक बीमारी है। जो भाजपा सरकारों की कानून द्वारा कानून का राज स्थापित न होने देने की नीयत व नीति की देन है। इसे रोकने के लिए कानून बनाकर सख्ती से लागू करवाना होगा।
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लखनऊ, एबीपी गंगा। बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर मायावती ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मॉब लिंचिंग भयानक बीमारी है जिसे खत्म करने के लिए देशव्यापी कानून बनाने की जरूरत है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि केंद्र सरकार के उदासीन रवैये के चलते देश में इस तरह की घटनाएं बढ़ी हैं।
जद में सर्वसमाज के लोग
मायावती ने कहा कि इसकी जद में अब केवल दलित, आदिवासी और धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोग ही नहीं बल्कि सर्वसमाज के लोग भी आ रहे हैं और पुलिस भी इसका शिकार बन रही है। मायावती ने कहा कि, 'अब ये घटनायें काफी आम हो गई हैं और देश में लोकतंत्र के हिंसक भीड़ तंत्र में बदल जाने से सभ्य समाज में चिन्ता की लहर है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसका संज्ञान लेकर केन्द्र व राज्य सरकारों को निर्देश जारी किये हैं, लेकिन इस मामले में भी केन्द्र व राज्य सरकारें कतई गम्भीर नहीं हैं जो दुख की बात है।
सजा तय किये जाने की सिफारिश
मायावती ने कहा कि, 'ऐसे में उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग की यह पहल स्वागत योग्य है कि भीड़ हिंसा की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए अलग से नया सख्त कानून बनाया जाए, इसके मसौदे के रूप में आयोग ने उत्तर प्रदेश काम्बैटिंग ऑफ मॉब लिंचिग विधेयक, 2019' राज्य सरकार को सौंप कर दोषियों को उम्र कैद की सजा तय किये जाने की सिफारिश की है।'
बढ़ गया है सामाजिक तनाव
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि 'सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद केन्द्र सरकार को इस सम्बन्ध में अलग से देशव्यापी कानून बना लेना चाहिये था, लेकिन लोकपाल की तरह मॉब लिंचिंग जैसे जघन्य अपराध के मामले में भी केन्द्र सरकार उदासीन है तथा इसकी रोकथाम के मामले में कमजोर इच्छाशक्ति वाली सरकार साबित हो रही है।' मायावती ने कहा कि उन्मादी व भीड़ हिंसा की बढ़ती घटनाओं से सामाजिक तनाव काफी बढ़ गया है।
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