UP News: उत्तर प्रदेश में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर कर और सेवा यानी जीएसटी के सर्वे और छापेमारी के दावों के बीच बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. सिलसिलेवार किए गए ट्वीट्स में मायावती ने कहा कि सरकार केवल जीएसटी कलेक्शन पर जोर दे रही है. ऐसी सोच उचित नहीं है.
यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने कहा- सरकार की गलत नीतियों व कार्यशैली आदि का ही परिणाम है कि पहले से ही नए जीएसटी राज के जंजाल से पीड़ित व्यापारी वर्ग अब यूपी में भी जीएसटी सर्वे/छापेमारी से तंग व दुःखी होकर बाजार बंद एवं आन्दोलन करने को मजबूर हो रहे हैं, जिसका निवारण जरूरी है.
अखिलेश ने भी साधा था निशाना
बसपा सुप्रीमो ने लिखा- साथ ही, गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई के इस कठिन दौर में लोगों की क्रय शक्ति काफी घट गई है, फिर भी गरीब व मजदूर वर्ग दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर भी जीएसटी की महंगी दर चुकानेे को मजबूर है, किन्तु सरकार निश्चिन्त है कि उसका जीएसटी कलेक्शन बढ़ रहा है, क्या ऐसी सोच उचित, जनहितैषी?
इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर टिप्पणी की थी. उन्होंन भी सरकार पर निशाना साधा था. पूर्व सीएम ने कहा था- 'उप्र के समस्त व्यापार संघों को संयुक्त रूप से जीएसटी की पक्षपातपूर्ण छापेमारी का विरोध करना चाहिए. सपा हर व्यापारी के साथ है. व्यापारियों के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण उप्र में घटते व्यापार को और घटायेगा. ये छापेमारी भ्रष्टाचार का नया तरीका है. निंदनीय!'
उत्तर प्रदेश राज्य में 71 जि़लों में पांचवे दिन भी कुल 248 स्टेट जीएसटी टीमें व्यापारियों पर छापेमारी कर रही थीं. फर्मों की डेटा एनालिसिस और इंटेलिजेंस आधारित सूचना के आधार पर बीते दिनों कार्यवाही हुई. नोएडा में भी 10 टीम में संयोजित 40 अधिकारियों द्वारा एक साथ व्यापारियों पर रेड की कार्यवाही की गई.