UP Election 2022: विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सियासी दल अलग-अलग जातियों पर अलग-अलग वर्ग को साधने में जुटी हुई हैं. ऐसे में सभी की निगाहें प्रबुद्ध वर्ग पर भी हैं. उत्तर प्रदेश में भले ही सभी सियासी दल इस वक्त प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन कर रहे हों लेकिन इसकी शुरुआत सबसे पहले बहुजन समाज पार्टी ने की और मंगलवार को बीएसपी के प्रबुद्ध वर्ग विचार सम्मेलन का समापन लखनऊ में होगा. जिसे खुद पार्टी सुप्रीमो मायावती (Mayawati) संबोधित करेंगी. प्रबुद्ध वर्ग विचार संगोष्ठी के जरिए चुनाव से ठीक पहले बीएसपी अपनी ताकत दिखाने में भी जुटी है.


राजधानी लखनऊ की सड़कों पर, प्रमुख चौराहों पर इन दिनों आपको बीएसपी के ही होल्डिंग बैनर नजर आएंगे क्योंकि बहुजन समाज पार्टी ने जिस प्रबुद्ध वर्ग संगोष्ठी की शुरुआत अयोध्या से की थी, उसका समापन मंगलवार को राजधानी लखनऊ में होगा. जिसमें पार्टी प्रमुख मायावती प्रबुद्ध जनों के साथ संवाद करेंगी.


दरअसल उत्तर प्रदेश में बीते एक दशक में वहीं पार्टी सत्ता में आई है जिसको प्रबुद्ध जनों का साथ मिला और ये आंकड़े ही शायद सियासी दलों की मजबूरी बन गए जो चुनाव से ठीक पहले उन्हें प्रबुद्ध वर्ग की याद आई. इन दिनों भले ही सभी सियासी दल प्रबुद्ध वर्ग को अपने साथ जोड़ने के लिए संगोष्ठी और सम्मेलन कर रहे हो, लेकिन इसकी सबसे पहले शुरुआत उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी ने ही की थी.


बता दें कि 23 जुलाई को बहुजन समाज पार्टी की जो प्रबुद्ध वर्ग संगोष्ठी अयोध्या से शुरू हुई वह तकरीबन 45 दिनों बाद आज लखनऊ में समाप्त होगी. जिसमें उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी सुप्रीमो मायावती प्रबुद्ध जनों के साथ संवाद करेंगी. इसके साथ ही बीएसपी चुनाव से पहले अपनी ताकत भी दिखाने की कोशिश जरूर करेगी.


बहुजन समाज पार्टी ने 4 चरणों में इस प्रबुद्ध वर्ग संगोष्ठी को प्रदेश के 60 से ज्यादा जिलों में आयोजित किया. ये अलग बात है कि पहले चरण में 7 दिनों में 7 शहरों में यह संगोष्ठी हुई तो दूसरे चरण में 15 दिन में 25 शहरों में संगोष्ठी हुई, तीसरे चरण आते आते तो 11 दिन में 19 शहरों में संगोष्ठी हुई और चौथा चरण में 1 दिन में दो-दो और तीन-तीन शहरों में संगोष्ठी बीएसपी ने की.


जब बहुजन समाज पार्टी ने प्रबुद्ध वर्ग संगोष्ठी शुरू की तो भला समाजवादी पार्टी कैसे पीछे रहती. समाजवादी पार्टी ने भी 5 अगस्त को जनेश्वर मिश्र की जयंती के दिन से प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन की शुरुआत कर दी, लेकिन समाजवादी पार्टी का प्रबुद्ध सम्मेलन मात्र कुछ चंद जिलों में ही हो पाया है और अब बीएसपी के पीछे-पीछे बीजेपी ने भी 5 सितंबर से अपने प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन की शुरुआत की है.


हालांकि बीजेपी ने एक मेगा कैंपेन के तौर पर इस प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन की शुरुआत की है. जहां दूसरे सियासी दल केवल जिलों में यह सम्मेलन कर रहे हैं, तो बीजेपी ने ऐसी रणनीति तैयार की है कि सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में वह प्रबुद्ध जनों को जोड़ने के लिए सम्मेलन करेगी. बीएसपी के प्रबुद्ध सम्मेलन के समापन पर केंद्रीय राज्य मंत्री बी एल वर्मा का साफ तौर पर कहना है कि जब चुनाव आते हैं तभी मायावती हो, समाजवादी पार्टी हो या कांग्रेस हो उन्हें प्रबुद्ध वर्ग की या ब्राह्मण समाज की याद आती है. उससे पहले उन्हें कभी इनकी याद नहीं आती है.


वह साफ तौर पर कहते हैं कि प्रबुद्ध वर्ग ब्राह्मण समाज बहुत बहुत ही सम्मानित है और हमेशा सम्मान का भूखा है. प्रबुद्ध सम्मेलन तो बीजेपी के कार्यक्रमों का हिस्सा हैं. वो साफ तौर पर कह रहे हैं कि ब्राह्मण समाज, प्रबुद्ध समाज बीजेपी के साथ था बीजेपी के साथ है और आगे भी बीजेपी के साथ ही रहेगा.


जाहिर है चुनाव करीब है ऐसे में सियासी दलों को जातियों को अपने साथ जोड़ना मजबूरी है और इसीलिए सियासी दलों को प्रबुद्ध भी याद आ रहे हैं, पिछड़ा भी याद आ रहे हैं, अल्पसंख्यक भी याद आ रहे हैं. लेकिन जनता सब जानती है और इन सम्मेलनों का इन संगोष्ठीयों का उसके ऊपर कितना असर पड़ता है यह चुनाव परिणाम के बाद साफ होगा.


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