झांसी. कोविड अस्पतालों में मरीज के इलाज में लापरवाही की शिकायतें लगातार आ रही हैं. झांसी जिले में मरीजों के कई ऑडियो और वीडियो वायरल हुये हैं, जिसमें अस्पताल की बदइंतजामी की तस्वीर सामने आई है. एक ऐसे ही मामले को लेकर झांसी सदर भाजपा विधायक रवि शर्मा, झांसी मेयर रामतीर्थ सिंघल और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य को झांसी मंडल के कमिश्नर से शिकायत तक करनी पड़ी. दरअसल जिले के एक व्यापारी का बेटा कोरोना पॉजिटिव था और उसके द्वारा सही इलाज की मांग किये जाने पर उसकी पिटाई कर दी गई फिर उसे दिल्ली रेफर किया गया, जहां उसकी मौत हो गई.
झांसी मेडिकल कॉलेज के कोविड अस्पताल में व्यापारी योगेश अग्रवाल को सही तरीके से इलाज नहीं मिला. यही नहीं, उसने इलाज मांगा तो उसे पिटाई मिली. हालत बिगड़ने पर 23 अगस्त को झांसी से दिल्ली ले जाया गया, जहां उसकी अस्पताल में ही मौत हो गई. वहीं, इस मामले में झांसी कमिश्नर का कहना है कि शिकायत मिली है, इसकी जांच कराएंगे.
व्यापारी नेता मुकेश अग्रवाल जो सर्राफा कमेटी के अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने बताया कि उनके भतीजे योगेश अग्रवाल के इलाज में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज द्वारा बरती गई लापरवाही के विरोध में व्यापार मण्डल, राजनीतिक दल, सामाजिक व सांस्कृतिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने आयुक्त, झांसी मण्डल को ज्ञापन दिया है.
ज्ञापन में किया गया अव्यवस्थाओं का जिक्र
इसमें कहा गया कि कोविड-19 के तहत कोरोना वायरस से झांसी में अब तक लगभग 4000 से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और लगभग 100 लोगों की मृत्यु हो चुकी है. आयुक्त को लिखे गये इस पत्र में कहा गया है कि जिलाधिकारी के साथ वरिष्ठ अनुभवी चिकित्सा विशेषज्ञों के सघन प्रयास मात्र स्थानीय समाचार पत्रों की लाइनों तक सीमित रहते हुए वास्तविकता की धरातल पर इस गंभीर महामारी से मुकाबला करने में असफल हैं. स्थानीय मेडिकल कॉलेज, पैरामेडिकल एवं मंडल के अनेक कोविड अस्पतालों में गंभीर अव्यवस्थाएं फैली हैं.
व्यापार मंडल ने मरीज की ऑडियो क्लिपिंग भी सौंपीं
इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल ने अस्पताल की अव्यवस्था की पोल खोलती हुई मरीज और डॉक्टर की बातचीत की ओडियो क्लिपिंग भी सौंपीं. मृतक योगेश अग्रवाल की ओडियो क्लिपिंग में उसके द्वारा पानी नहीं दिये जाने, आक्सीजन के खराब इस्ट्रूमेंट, अधिक मसाले-मिर्चीदार खाना दिया जाना, उसका निस्तार कराये जाने के लिए पौन घण्टा इन्तजार करवाना समेत तमाम समस्याएं शामिल हैं. दिल्ली जाते समय योगेश ने अपनी मां व पत्नी को अपने शरीर पर चोट के निशान दिखाते हुये बताया कि रात में मेडिकल कॉलेज के स्टाफ ने उसको बहुत बुरी तरह मारा-पीटा. साथ ही उसने बताया कि कोई भी वरिष्ठ चिकित्सक द्वारा किसी भी मरीज को हाथ भी नहीं लगाया जा रहा है तो फिर कैसे इलाज संभव है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन ने बताया वास्तविकता में कोविड-19 अस्पताल की भयावह स्थिति है, सिस्टम से हत्या हो रही है.
एक अन्य मरीज का वीडियो हुआ था वायरल
इसी प्रकार पूर्व में मऊरानीपुर निवासी संजय गेड़ा की मौत उपचार में हुई लापरवाही व अव्यवस्थाओं के कारण हुई थी. संजय गेड़ा द्वारा दिया गया वायरल बयान को उनके मृत्यु पूर्व बयान मानते हुये जांच की जाए. तालबेहट सहित मण्डल के अनेक कोविड उपचार केन्द्रों पर भी अव्यवस्थाओं की शिकायतें आडियो व वीडियो वायरल होती रहीं हैं लेकिन इन्हें संज्ञान में लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है.
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