Himalayan Hospital Dehradun: देहरादून के हिमालयन अस्पताल में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्रों का धरना जारी है. छात्रों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन परीक्षाओं से ठीक पहले उनसे 23 लाख रुपए बतौर फीस मांग रहा है. उनका कहना है कि 2017 में जब उनका एडमिशन हुआ था उस दौरान सरकारी फीस के तहत उनसे पांच लाख रुपये में एमबीबीएस कराने की बात कॉलेज प्रशासन ने की थी.
छात्रों का कॉलेज प्रशासन पर आरोप
हिमालयन कॉलेज के एमबीबीएस के ये छात्र पिछले दो दिनों से धरने पर बैठे हैं. इन छात्रों की संख्या करीब 150 है. छात्रों के परिजनों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उन्होंने इस फीस को लेकर हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की है. जिसमें अभी कोई निर्णय नहीं आया है. पेरेंट्स का आरोप है कि छात्रों पर परीक्षाओं से पहले मानसिक दबाव बनाया जा रहा है. इस मामले में कॉलेज प्रशासन भी मानने को तैयार नहीं दिखाई दे रहा.
कॉलेज प्रशासन की सफाई
इधर कॉलेज प्रशासन की ओर से कहा गया है कि 25 फरवरी 2020 को सरकार ने शासनादेश को निरस्त कर दिया था. न्यायालय में ये प्रकरण अब भी लंबित है और 2017 में प्रवेश ले चुके छात्र-छात्राएं एमबीबीएस अंतिम वर्ष में हैं. ऐसे में विश्वविद्यालय ने छात्र-छात्राओं से 2014 की निर्धारित फीस के आधार पर 5 लाख रुपए के बाद फीस की जो शेष बची राशि है उसे चेक के रुप में शर्त के साथ जमा करने को कहा है.
छात्र-छात्राओं को बता दिया गया है कि अगर माननीय न्यायालय द्वारा निर्णय विश्वविद्यालय के हित में आता है तो शेष शुल्क का चेक जमा कर दिया जाएगा. अन्यथा छात्रों को उनका चेक वापस कर दिया जाएगा. विश्वविद्यालय द्वारा इन स्टूडेंट्स की फीस में किसी भी तरह की वृद्धि नहीं की गई और न ही इनसे ब्लैंक चेक मांगा गया है. हालांकि 2017 बैच के कुछ छात्र-छात्राएं इन्हीं शर्तों के आधार पर नो ड्यूज भी करा चुके हैं.
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