कानपुर. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने देश में कोरोना की तीसरी लहर की संभावना जताई है. कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए बेहद खतरनाक बताई जा रही है. केंद्र और राज्य सरकारें अपने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहद मजबूत करने में जुटी हुई हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सभी मेडिकल कॉलेज को 100 बेड वाले अस्पताल बच्चों के लिए विशेष रूप से तैयार करने के आदेश दिए हैं. वहीं, कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ने बेड की तैयारी से आगे बढ़ते हुए इनके माइक्रोमैनेजमेंट पर ध्यान देना शुरू कर दिया है. यहां स्टाफ समेत डॉक्टरों की ट्रेनिंग भी युद्ध स्तर पर शुरू कर दी गई है.
मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल आरबी कमल ने बताया कि बच्चों के लिए हम माइक्रो मैनेजमेंट पर प्लान कर रहे हैं. हो सकता है बच्चा अपने अभिभावक को वार्ड में ना पाकर परेशान हो. इसलिए एक अभिभावक को बच्चे के साथ उसकी देखरेख के लिए रखा जाएगा. वार्ड बॉय अपना काम करेगा. सिस्टर, डॉक्टर अपना-अपना काम करेंगे. सबका वर्क डिस्ट्रीब्यूशन करते हुए आठ 8 घंटे की ड्यूटी भी लगाई जाएगी. 1 घंटे का लंच का टाइम दिया जाएगा जिसमें बच्चे के अभिभावक अगर चाहेंगे तो उनको भी वही लंच कराया जाएगा. बच्चों की बेहतर देखरेख के लिए हमने माइक्रो मैनेजमेंट तैयार कर लिया है. 100 बेड में 50 बेड आईसीयू के हैं और 50 बेड आइसोलेशन के हैं.
प्रोफेसर डॉ रूपा डालमिया सिंह प्रभारी
बाल रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ रूपा डालमिया सिंह इस ट्रेनिंग की प्रभारी हैं. उनका कहना है कि स्टाफ नर्स, सफाई कर्मचारी, वार्ड बॉय, डॉक्टरों को सघन प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके लिए स्टाफ नर्स, वार्ड बॉय, सफाईकर्मी और डॉक्टरों को अभी से चिन्हित कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि टोटल 7 बैच बनाए गए हैं. इन सभी को छोटे-छोटे बैच में बांट दिया गया है. हर बैच को 2 दिन सघन प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रत्येक दिन 5 अलग अलग टॉपिक पर ट्रेनिंग हो रही है. शुरुआत में हैंड हाईजिन से लेकर डोंनिंग और डॉफ डॉफ कि प्रक्रिया को समझाया जा रहा है. बच्चों की मॉनिटरिंग के तरीके को बताया जा रहा है.
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