Mahoba News: सरकार द्वारा जिला अस्पताल में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलकर गरीबों को सस्ती कीमतों में दवा उपलब्ध कराना है. मगर महोबा जिला अस्पताल में खुला जनऔषधि केंद्र मरीजों को न केवल अधिक कीमतों में दवा दे रहा है बल्कि आरोप है कि बाहर की दवा मंगवाकर जन औषधि केंद्र से बेची जा रही है. अस्पताल के ही एक कक्ष में बाहरी दवा का भंडारण किया गया है. इस सूचना पर सीएमएस ने मौके पर जाकर निरीक्षण भी किया और पाया कि अस्पताल के कक्ष में बड़ी मात्रा में दवा से भरे गत्ते भरे हुए रखे हुए हैं. जिस पर सीएमएस ने जांच के आदेश दिए हैं.
महोबा जिला अस्पताल जहां डॉक्टरों द्वारा बाहर की दवा लिखने के मामले आपने बहुत देखे और सुने होंगे, लेकिन अब तो मरीजों का आर्थिक शोषण करने के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र से ही बाहर की दवा है बेचने का काम किया जा रहा है. आपको बता दें कि सरकार ने कम कीमत में महंगी दवाओं को जन औषधि केंद्र के माध्यम से गरीबों को उपलब्ध कराने हेतु जिला अस्पताल में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोला गया, लेकिन इस जन औषधि केंद्र में कमीशन खोरी का ऐसा खेल खेला जा रहा है जिसका असर सीधा जिला अस्पताल आने वाले गरीब मरीजों पर पड़ रहा है.
मरीजों को नहीं दिया जा रहा दवाओं का बिल
आरोप है कि उक्त जन औषधि केंद्र में मिलने वाली दवाओं के मूल्य मेडिकल में मिलने वाली दवाओं की कीमत अधिक है. साथ ही दवा लेने के बाद मरीज और उनके तीमारदारों को कोई बिल नहीं दिया जा रहा. मनमाने दाम में दवा दिए जाने के आरोप पूर्व में भी लगते रहे हैं. बीते रोज अपर निदेशक स्वास्थ्य के निरीक्षण में जन औषधि केंद्र से बाहरी दवाओं को दूसरे कक्ष में छिपा कर रख दिया गया.
जब पता चला कि जन औषधि केंद्र से ही बाहरी दवाओं को ज्यादा दामों पर बेचा जा रहा है. जहां जिला अस्पताल के कक्ष संख्या 34 में बड़ी मात्रा में बाहरी दवाओं का स्टॉक देखा गया है. जिसकी शिकायत सीएमएस को मिलते ही सीएमएस डॉक्टर पवन अग्रवाल खुद मौके पर पहुंचे और पाया कि जन औषधि केंद्र के लिए निर्धारित कक्ष के अलावा एक अन्य कक्ष में भी बड़ी मात्रा में बाहरी दवाएं स्टोर कर रखी गई है.
आरोप है कि जन औषधि केंद्र संचालक द्वारा बाहरी दवाओं को स्टोर कर रखा गया है और इन्हीं दवाओं को जन औषधि केंद्र से अधिक दामों में मरीज और तीमारदारों को बेचा जा रहा है. जिससे उनकी जेब में असर पड़ रहा है. गरीब और मजबूर जिला अस्पताल में निशुल्क इलाज की उम्मीद लेकर आते हैं तो वहीं अच्छी दवा मिले उसके लिए जन औषधि केंद्र से दवा खरीदते हैं लेकिन यहां उनके साथ धोखा हो रहा है. सरकार की मंशा के विपरीत जन औषधि केंद्र से अधिक दामों में दवा बेचने के साथ-साथ अधिक मुनाफा और डॉक्टरों की कमीशनखोरी के लिए बाहरी दवाओं को अधिक मूल्य में बेचा जा रहा है.
इस मामले को लेकर सीएमएस डॉक्टर पवन अग्रवाल मानते है कि अपर निदेशक स्वास्थ्य के निरीक्षण के दौरान दवाओं को छुपाया गया होगा. जहां दवाओं को ताले के अंदर रखा गया है. ये दवाएं कहां से आई है कौन रखा है इसको लेकर जांच के निर्देश दिए गए है.
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