Manish Gupta Case: चर्चित मनीष गुप्ता मौत के मामले में पत्नी मीनाक्षी का कहना है कि, पुलिस मनीष की मौत के मामले में लापरवाही कर रही है. बेतुकी बयानबाज़ी पुलिस के अधिकारी कर रहे हैं. उनका कहना है कि, दोषी पुलिसकर्मी अब तक गिरफ़्तार नहीं किए गये हैं. वो इस मामले में सीबीआई की जांच चाहती हैं. सरकार की ओर से अब तक दिए गए आश्वासन में कुछ भी लिखित में नहीं दिया गया है. केवल कुछ एप्लिकेशन पर साइन कराए गए हैं. एबीपी गंगा से बात करते हुए उन्होंने पुलिस पर कई आरोप लगाए.
पुलिस पर भरोसा नहीं
मीनाक्षी गुप्ता पुलिस के बयानों से काफी दुखी हैं और उनका कहना है कि, ऐसे बड़े पुलिस अधिकारियों को शर्म आनी चाहिए. उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तो भरोसा है, लेकिन पुलिस पर नहीं.
पुलिस के बयानों से दुखी हूं
पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा यह कहा जाना है कि, संदिग्धों की सूचना पर पुलिस वहां पहुंची थी. जब मेरे संज्ञान में ये आया तो मुझे बहुत दुख हुआ. सबूत और साक्ष्य सभी सामने हैं तो ऐसे बच्चों वाली बातें क्यों की जा रही है? इतने बड़े अधिकारियों द्वारा कहीं जा रही यह बातें मुझे चिंता में डाल रही हैं. पुलिस का यह कहना सरासर गलत है कि, उनके पास आईडी कार्ड नहीं था. मनीष गुप्ता अपने सभी आईडी कार्ड कैरी करते ही घर से बाहर जाते थे. जो पिक्चर्स मीडिया में सामने आई है, उनमें भी दिख रहा है कि वॉलेट के साथ आधार कार्ड रखा हुआ है. पुलिस अधिकारियों द्वारा ऐसा बोलना बिल्कुल गलत है, ऐसे हमारी हिम्मत टूटती है, मेरे पास अभी सबूत है और मैं हिम्मत टूटटे नहीं दूंगी.
सभी सबूत सामने आ चुके हैं
उन्होंने कहा कि, उनका बयान सुनकर दुख हो रहा है और यह गलत है. मुख्यमंत्री से मेरी अपील है कि, ऐसे बड़े अधिकारी इस तरह बयानबाजी ना करें. पुलिसकर्मी जिस तरह से बयान बाजी कर रहे हैं उनके बयान पर ना तो भरोसा हो रहा है और ना ही संतुष्ट करने वाले हैं. कहा जा रहा है कि, मनीष भाग रहे हैं लेकिन फोटो से साफ दिखा जा सकता है कि, वह आराम से लेटे हुए हैं. भागने की बात सरासर गलत है. क्योंकि जिस जगह खड़े हैं वहां से भागा नहीं जा सकता. मनीष अपने साथ सभी आईडी कार्ड रखते थे. पुलिस के बड़े अधिकारी को ऐसा बयान देने में शर्म नहीं आई, पुलिस के बड़े अधिकारी को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए. सबूत सामने आ चुके हैं, जो तथ्य सामने हैं, हम को झुठला कर जनता को बेवकूफ बनाने का काम किया जा रहा है. उन्हें अपने बयान पर शर्मिंदा होना चाहिए.
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