UP News: दीपावली से पहले मेरठ (Meerut) में एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. 11 वर्षीय मासूम आवारा कुत्ते की भेंट चढ़ गया. घटना ने लोगों को झकझोर दिया है. लोग नगर निगम से नाराज हैं. परिजनों की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है. उन्होंने बेटे को एंटी रेबीज का इंजेक्शन नहीं लगवाया था. मामला दिल्ली रोड पर सूर्या पुरम कॉलोनी का है. धन्नू का बेटा दुष्यंत 28 अगस्त को घर के बाहर खेल रहा था. अचानक 11 वर्षीय मासूम पर आवारा कुत्ते ने धावा बोल दिया. पैर में काटने के बाद कुत्ता भाग निकला. कुछ दिन बाद कुत्ते की मौत हो गई. कुत्ते की मौत के बाद दुष्यंत को बुखार ने जकड़ लिया. परिजनों ने बच्चे को डॉक्टर से दिखाया. पता चला कि बच्चे के शरीर में रेबीज फैल गया है.


आवारा कुत्ते ने मासूम की ली जान


परिजनों ने बेटे को टिटनेस का इंजेक्शन लगवा दिया लेकिन एंटी रेबीज नहीं लगवाया. समय बीतने के साथ दुष्यंत हाइपोफोबिया की चपेट में आ गया. पांच नवंबर को परिजन बेटे को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. तबियत ज्यादा गंभीर होने पर मासूम को डॉक्टरों ने दिल्ली रेफर कर दिया. आखिरकार बच्चा रेबीज से लड़ता हुआ जिंदगी की जंग हार गया. दुष्यंत ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. अब उसकी यादें फोटो में सिमट कर रह गई हैं. दीपावली से पहले परिजनों पर गम का पहाड़ टूट पड़ा है.


परिजनों से परिवार में पसरा मातम


परिजनों ने लापरवाही की कीमत बेटा को खोकर चुकाई है. अब उनके पास अफसोस करने के सिवा कुछ नहीं बचा है. बता दें कि कुत्ते की मौत हो जाने के बाद रेबीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. लोगों का गुस्सा नगर निगम पर भी है. शहर का शायद ही कोई इलाका आवारा कुत्तों के आतंक से परेशान न हो. नगर निगम के अधिकारी कुत्तों की नसबंदी करने की बात कहकर नाकामी छिपा रहें हैं. दुष्यंत की मौत के बाद आवारा कुत्तों को पकड़ने का अभियान शुरू किया गया है. नगर निगम के पशु चिकित्सा कल्याण अधिकारी डॉ हरपाल सिंह दुष्यंत की मौत का जिम्मेदार परिजनों को मानते हैं. उनका कहना है कि परिजन बेटे को 24 घंटे में एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवा देते तो शायद जान बच जाती. 


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