Meerut Triple Murder Case News: मेरठ के गुदड़ी बाजार ट्रिपल मर्डर केस में सोमवार (5 अगस्त) को कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने हत्या के आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लाया है. 


गुदड़ी बाजार ट्रिपल मर्डर केस के मुख्य आरोपी इजलाल, गर्लफ्रेंड शीबा सिरोही, महाराजा समेत 10 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. दरअसल, कोर्ट में आज मेरठ के ट्रिपल मर्डर केस की सुनवाई चल रही थी, सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला दिया. जज ने लंच के बाद अपना फैसला सुनाया.


16 साल बाद दोषियों को उम्रकैद की सजा 


सुनवाई के दौरान कोर्ट में भारी भीड़ मौजूद थी. मेरठ के स्पेशल कोर्ट ने ऐसी एक्ट 2 के जज पवन कुमार शुक्ला ने सजा सुनाई. 16 साल बाद ट्रिपल मर्डर केस में दोषियों को सजा मिली है. हाई प्रोफाइल केस की सुनवाई को सुनने के लिए कई वकील और आम जनता पहुंचे.


16 साल पहले हुई थी हत्या


मेरठ में 23 मई 2008 को सुनील ढाका, सुधीर उज्जवल और पुनीत गिरी का बेरहमी से कत्ल कर दिया गया था. हत्यारों ने गर्दन काटने के बाद आंखे निकाल दी थी. हत्या करने के बाद तीनों के शव को बागपत में हिंडन नदी के पास फेंक दिया गया था, जिसके बात तीनों का शव कर में मिला था. 


मेरठ ट्रिपल मर्डर केस के ये हैं दोषी 


मेरठ के चर्चित गुदड़ी बाजार ट्रिपल मर्डर केस के मुख्य आरपी इजलाल कुरैशी और उसकी गर्लफ्रेंड शीबा सिरोही है. इस केस में अन्य आरोपी, देवेंद्र आहूजा, अफजाल, वसीम,रिजवान, बदरुद्दीन, महाराज, इजहार और अब्दुल रहमान उर्फ कलुवा हैं. इन सभी को कोर्ट ने 31 जुलाई 2024 को हत्या में शामिल होने पर दोषी करार दिया था. 


ट्रिपल मर्डर केस में आजीवन कारावास की सजा 


मेरठ में हुए ट्रिपल मर्डर में कोर्ट ने अपना फैसला 16 साल बाद सुनाया है. 16 साल बाद मुख्य आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. इन तीन आरोपियों ने मेरठ को 2008 में हिला कर रख दिया है. इन लोगों ने अपने बाकी साथियों के साथ मिलकर बेरहमी से तीन लोगों की हत्या के वारदात को अंजाम दिया था. आज एंटी करप्शन कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है, जिससे पीड़ित परिजनों के लोग काफी खुश हैं. उनका जख्म तो नहीं भर सकता, लेकिन उनके घर को उजाड़ने वालों को कोर्ट की तरफ से आज आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.  


मेरठ ट्रिपल मर्डर केस में 14 आरोपियों पर चार्जशीट लगी थी, जिसमें से दो की पहले ही मौत हो चुकी है. एक नामजद पहले ही छूट चुका है. एक की फाइल विचाराधीन है. बाकी बचे 10 को कोर्ट की तरफ से दोषी करार दिया गया. इस केस में करीब 33 लोगों ने गवाही दी है. लव अफेयर में ये हत्या हुई थी. 


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