Meerut News Today: मेरठ विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में मेरठवासियों के लिए कई बड़े फैसले लिए गए. ये फैसले मेरठ के लिए खुशियों की सौगात लेकर आए. मेरठ के लोगों की परेशानियां भी दूर होंगी और  भविष्य में उनका घर का सपना पूरा करने की भी तैयारी है. मेरठ मंडल की कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे की अध्यक्षता में ये बैठक हुई. क्या क्या बड़े फैसले मेरठ विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में लिए गए आइए आपको भी बताते हैं.


मेडा की 129 वीं बोर्ड बैठक में सबसे बड़ा फैसला 32 निजी कालोनियों को लेकर लिया गया. ये 32 निजी कॉलोनियां अब नगर निगम को हस्तांतरित कर दी जाएंगी. इस प्रस्ताव पर मेडा की बोर्ड बैठक में मुहर लग गई है. इन कालोनियों में करीब एक लाख लोग रहते हैं. काफी देर वार्ता चली और फिर तय हुआ कि 32 कालोनियों को पूर्णता प्रमाण पत्र दिया जा चुका है इसलिए उन्हें अब स्वत हस्तांतरित माना जाए.


प्लॉट की बिक्री करेगा मेरठ विकास प्राधिकरण


लैंड मोनेटाइजेशन के तहत 1455  प्लॉट की बिक्री होगी. लैंड मोनेटाइजेशन यानि 1987 में विकसित की गई जिन कालोनियों में आरक्षित प्लॉट नहीं बिके उनका फिर से नियोजन करके नए सिरे से प्लॉटिंग करना है. करीब 80 हेक्टेयर जमीन तलाशी गई और उसमे 1455 प्लॉट काटे गए. इसमें 60 वर्ग मीटर से लेकर 350 वर्ग मीटर तक के प्लॉट होंगे. इसी के साथ ही ही समाजवादी आवास योजना और लोहियानगर में 576 अर्ध निर्मित आवास हैं उन्हें जहां जैसा है के आधार पर बेचा जाएगा.


मेरठ मंडल की कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे की पहल से मेरठ विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में दो और महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे गए. गगोल में संग्रहालय और हस्तिनापुर में नेचर ट्रेल. गगोल में स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित डिजिटल संग्रहालय बनाया जाएगा, जिसमें डिजिटल माध्यम से जंगे आजादी के इतिहास के पुराने पन्नों को पलटा जाएगा. इसी के साथ ही हस्तिनापुर में पांडव टीले के आसपास महाभारत से संबंधित विरासत वाले स्थलों के आसपास ऐसे निर्माण होंगे, जिससे पर्यटकों को महाभारत काल से जुड़े हर पल को महसूस करने का मौका मिल सके. दोनों प्रस्तावों पर मुहर लग गई.


13 एसटीपी दिसंबर तक हस्तांतरित होंगे


13 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान को हस्तांतरित करने का काम दिसंबर तक पूरा हो सकेगा. क्योंकि गाजियाबाद की एक कंपनी से जांच कराई गई तो कई खामियां सामने आई. इन खामियों को दूर करने के लिए 20 करोड़ खर्च होंगे. सब काम पूरा करने में करीब दिसंबर तक का वक्त लगेगा और इसके बाद इन्हें दिसंबर में नगर निगम को हस्तांतरित कर दिया जाएगा. कमिश्नरी सभागार में हुई इस बैठक में मेडा वीसी अभिषेक पांडेय, नगरायुक्त अमित पाल शर्मा, सीडीओ नुपुर गोयल और मेडा सचिव आनंद सिंह भी मौजूद रहे.


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