Meerut News: मेरठ (Meerut) में बिजली विभाग के एक 70 साल के बुजुर्ग पर अत्याचार करने का मामला सामने आया है. 9 लाख का फर्जी बिल बनाकर अकाउंटेंट ने एक लाख सेटिंग के मांगे तो बुजुर्ग टूट गया. बुजुर्ग ने लेखाकार की ऑडियो, वीडियो अधिकारी को भी सौंपी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. बुजुर्ग थक जाते हैं तो दवाई खा लेते हैं, सांस चढ़ता है तो इन्हेलर का इस्तेमाल करते हैं लेकिन भ्रष्ट एकाउंटेंट के खिलाफ न झुकने को और नहीं टूटने को तैयार हैं. 


मेरठ में बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर के ऑफिस पर रोते 70 साल के बुजुर्ग सुनीत कुमार त्यागी के आंसू बिजली विभाग के अत्याचार की कहानी कहने को काफी हैं. आंखों से आंसू दरिया की तरह बह रहें हैं. बुजुर्ग के थैले पर पीएम मोदी और सीएम योगी की फोटो छपी है और शायद इस उम्मीद में पिछले 6 महीने से आ रहें हैं कि योगी सरकार में इंसाफ जरूर मिलेगा. बिजली विभाग के अधिकारी कभी इस ऑफिस तो कभी उस ऑफिस चक्कर कटाते हैं.


क्या है पूरा मामला?
दरअसल, सुनीत कुमार त्यागी ने अपनी प्रॉपर्टी किसी को किराए पर दे दी. ओवरलोडिंग की वजह से उन पर पेनल्टी लगाई गई और कनेक्शन काट दिया गया. अधिशासी अभियंता सेकेंड के ऑफिस में अकाउंटेंट निखिल कुमार अग्रवाल से मिले तो उसने 9 लाख 20 हजार रुपए की पेनल्टी और बकाया बता दिया. ये सुनकर किराएदार जगह छोड़कर चला गया और यही से इन बुजुर्ग सुनीत त्यागी की दिक्कतों का दौर शुरू हो गया. 


आरोप है कि यहां अकाउंटेंट निखिल अग्रवाल ने 9 लाख 20 हजार का बिल कम करने को एक लाख की रिश्वत मांगी, नहीं दिए तो चक्कर कटाने का दौर शुरू हो गया. सब्र का बांध टूटा तो सुनीत त्यागी अपने परिवार को लेकर अधिशासी अभियंता सेकेंड विपिन कुमार के ऑफिस पहुंच गए कि अकाउंटेंट निखिल अग्रवाल एक लाख रिश्वत मांग रहा है. इस पर हंगामा हुआ और अकाउंटेंट से खूब नोकझौंक हुई. इसकी वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.


अकाउंटेंट निखिल अग्रवाल की एक ऑडियो भी वायरल हो रही है. अधिकारियों के कहने पर भी एकाउंटेंट चक्कर कटाता रहा. अब मामले ने तूल पकड़ा तो बिल झट से घटकर 2 लाख 74 हो गया और टुकड़ों में जमा कर दिया गया और बिजली कनेक्शन जोड़ दिया गया, लेकिन सुनीत त्यागी ने भ्रष्ट सिस्टम का हिस्सा बने एकाउंटेंट निखिल अग्रवाल के खिलाफ सुबूत देने के बावजूद कार्रवाई न होने पर मोर्चा खोल रखा है. अकाउंटेंट निखिल कुमार अग्रवाल पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप बेहद गंभीर हैं. अब मामला चीफ इंजीनियर अनुराग अग्रवाल के दरबार में पहुंचा तो उन्होंने दो सदस्यीय कमेटी गठित कर दी.


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