Meerut News Today: केंद्रीय राजधानी दिल्ली से मजह कुछ किलोमीटर दूरी पर स्थित मेरठ में हवा की सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है. हर दिन प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप लेता जा रहा है और दीपावली के नजदीक आते ही हालात और भी गंभीर हो सकते हैं. 


मेरठ में हर रोज हवा की गुणवत्ता के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं. इसके बावजूद आम जनता खतरे से अंजान होकर वायु प्रदूषण बढ़ाने वाले सारे कदम उठा रही है. इसके लिए जिम्मेदार विभाग भी अपनी जिम्मेदारी से दूर भाग रहे हैं.


टॉप 10 प्रदूषित शहरों में मेरठ भी शामिल
दीपावली से पहले ही देश के कई शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खराब हो जाता है. इस बार देश के टॉप 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में मेरठ आठवें स्थान पर है. दिल्ली इस सूची में पहले स्थान पर है, जबकि मेरठ का आठवां स्थान चिंता का विषय है. 


भले ही दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का दूसरा चरण लागू हो चुका है, फिर भी हवा की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं दिख रहा है और प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक होता जा रहा है.


मेरठ में 271 तक पहुंचा AQI
दिल्ली के साथ-साथ मेरठ में भी प्रदूषण का स्तर खतरनाक होता जा रहा है. मंगलवार को मेरठ का AQI 271 दर्ज किया गया, जो लोगों के लिए गंभीर चिंता का विषय है. इसका सेहत पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है.


इस दौरान जयभीम नगर में एक्यूआई 257, गंगानगर में 290, पल्लवपुरम में 267, बेगमपुल में 275 और दिल्ली रोड पर 280 दर्ज किया गया है. मौसम भी स्थिर बना हुआ है, जहां दिन का अधिकत तापमान 32.7 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 19.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है.


दीपावली पर और बिगड़ेगी हवा 
दीपावली पर बड़े पैमाने पर आतिशबाजी होने से प्रदूषण का स्तर और बढ़ सकता है. वर्तमान में AQI 271 है, लेकिन दीपावली के दौरान यह खतरनाक स्तर पर पहुंच सकता है. नगर निगम पानी का छिड़काव कर रहा है, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद प्रदूषण का स्तर कम नहीं हो रहा, जो भविष्य के लिए गंभीर खतरे की घंटी है.


प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने किया ये दावा
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मेरठ के क्षेत्रीय अधिकारी भुवन प्रकाश यादव ने बताया कि कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) के निर्देशों का पालन हो रहा है. दूसरे चरण की कार्रवाई शुरू हो चुकी है.


मेरठ के क्षेत्रीय अधिकारी भुवन प्रकाश यादव ने बताया कि नगर निगम सहित सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि पानी का छिड़काव जारी रखें और खुले में निर्माण न होने दें. हम लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं और प्रदूषण का स्तर घटाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.


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