Ratnesh Bhutani News: अमेरिकी नागरिक और फिल्म निर्माता रत्नेश भूटानी को एसटीएफ मेरठ यूनिट ने गिरफ्तार कर लिया है. आगरा के हरी पर्वत से रत्नेश भूटानी उर्फ गोल्डी की गिरफ्तारी की गई है. जिसके बाद अब उसे प्रत्यारोपण के लिए पटियाला हाउस कोर्ट भेज दिया गया है. दरअसल रत्नेश भूटानी पर वर्ष 2006 में अमेरिका में चाइल्ड सेक्सुअल एसॉल्ट का मुकदमा दर्ज हुआ था. जिसके बाद वह 2007 में भागकर भारत आ गया, जहां मुंबई में उसने अपना फिल्म प्रोडक्शन का काम शुरू किया और बोले राम फिल्म भी बनाई. लेकिन 2014 में जैसे ही इस मामले ने तूल पकड़ा तो वह भागकर पश्चिम उत्तर प्रदेश में छुप गया.
मेरठ के कंकरखेड़ा इलाके में उसने एक बैंकट हॉल खोल लिया. जिस को कई साल तक चलाया और बाद में उसे लीज पर दे दिया. इस दौरान 2020 में उसे मेरठ पुलिस ने रंगदारी की शिकायत हिरासत में लिया था लेकिन पूछताछ के बाद छोड़ दिया था पर हाल ही में इस मामले में रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया और रत्नेश भूटानी की गिरफ्तारी का टास्क एसटीएफ को सौंपा गया. जिसके बाद एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने उसे गिरफ्तार कर लिया और अब उसे प्रत्यार्पण के लिए भेज दिया गया है.
लेकिन बड़ी बात ये भी है कि पिछले 7 साल से ये आरोपी मेरठ में रह रहा था. पुलिस ने जब इसे 2020 में हिरासत में लिया था फिर इसे छोड़ दिया गया जबकि भूटानी पर एक होटल संचालक से कुख्यात बदमाश सुशील मूछ के नाम पर रंगदारी मांगने का आरोप था. अमेरिका से वांटेड रत्नेश भूटानी उर्फ गोल्डी मेरठ में रहता रहा. बताया जा रहा है कि उसके ऊंचे रसूख के चलते भूटानी अब तक आजाद रहा.
एसटीएफ के अनुसार रत्नेश 1996 में अमेरिका के कैलिफोर्निया अपने चाचा के पास गया था कुछ दिन बाद रत्नेश ने अमेरिकन लड़की से शादी कर ली जिसके चलते रत्नेश को वहां की नागरिकता मिल गई लेकिन 2006 में रत्नेश पर एक बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज हुआ जिसके बाद रत्नेश भूटानी अमेरिका से भाग कर सीधा मुंबई आ गया.
मुंबई आकर रत्नेश भूटानी ने केशव फिल्मस के नाम से एक फिल्म कंपनी बनाई जिसमें उसने अपने भाई के साथ मिल कर फिल्म बोले राम बनाई लेकिन अमेरिकन पुलिस को उसके मुंबई में होने की सूचना मिल चुकी थी जिसके बाद रत्नेश भूटानी वहां से भी फरार होकर मेरठ आ गया और अमलतास के नाम से एक बैंकट हॉल चलाने लगा.
इसे भी पढ़ें:
UP Politics: नीतीश कुमार से जुड़े सवाल पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने झाड़ा पल्ला, कसा ये तंज