Meerut Closed News: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार से क्रांतिधरा मेरठ के लोगों का गुस्सा सांतवे आसमान पर आ गया. हजारों हिंदू मेरठ की सड़कों पर उतरे और अपनी आवाज बुलंद की. मेरठ की सड़कों पर लोगों का हुजूम था और चेहरे पर गुस्सा. सुबह से ही लोग इकट्ठा होना शुरू हो गए और कुछ ही घंटों में तिल रखने की भी जगह नहीं बची थी.


हिंदुओं ने अपना रोष प्रकट करके ये जता दिया कि हजारों किलोमीटर दूर बांग्लादेश में बैठे हिंदुओं की उन्हें कितनी चिंता है. सबसे बड़ी बात ये रही इस शांति मार्च को लेकर आज मेरठ के बाजार भी बंद रहे. शांति मार्च में हजारों लोगों की उमड़ी भीड़ ने बड़ा संदेश देने का काम किया.


शहीद मंगल पांडेय की प्रतिमा के पास इकट्ठा हुआ भगवा हुजूम


बांग्लादेश में हिंदुओं पर जो हमले हो रहें हैं उसने मेरठ के लोगों का भी दिल झंकझोंर दिया. पूरे देश में बांग्लादेश के खिलाफ प्रदर्शन हो रहें हैं और उसी कड़ी एक अध्याय मेरठ का जुड़ गया. मेरठ में बुढ़ाना गेट पर शहीद मंगल पांडये की प्रतिमा पर लोग सुबह सात बजे ही पहुंचना शुरू हो गए थे. कुछ ही घंटों में वहां हिंदुओं का हुजूम उमड़ आया. हर रास्तें से सैकड़ों लोगों का कारवा भारत माता की जय हो के उद्घोष के साथ आगे बढ़ रहा था. बुढ़ाना गेट और उसके आसपास के रास्तों पर हिंदुओं की भारी भीड़ थी और सभी एक ही सुर में अपनी आवाज बुलंद कर रहे थे. लोगों का हुजूम ऐसा था कि कई किलोमीटर लंबी कतारें लग गईं.


महिलाओं में दिखा बेहद गुस्सा


बुढ़ाना गेट से बांग्लादेश के खिलाफ जो शांति मार्च निकाला गया. उसमें आधी आबादी यानि महिलाओं की संख्या भी पुरूषों से ज्यादा थी. शांति मांर्च में सबसे आगे बच्चे और उसके बाद महिलाएं चल रही थी. बांग्लादेश मुर्दाबाद और हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारें लगाए जा रहे थे. महिलाओं की कतारें लगी थी और सभी के चेहरे पर गुस्से के भाव दिख रहे थे.महिलाओं की कतारें भी बहुत दूर तलक नजर आ रही थी.


महिलाओं का कहना है कि हिंदू अब जाग गया है तूफान उठेगा अब. महिलाओं के साथ बांग्लादेश में अत्याचार हो रहा है. मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है. बांग्लादेश गलत फहमी में न रहे, अब हिंदू जाग गया है. महिलाओं ने मांग की है कि बांग्लादेश मे रह रहे सवा करोड़ हिंदुओं की सुरक्षा की जाए और पीएम मोदी बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाएं.


मेरठ के ज्यादातर बाजार रहे बंद


इस शांति मार्च को लेकर संयुक्त व्यापार संघ अजय गुप्ता गुट और संयुक्त व्यापार संघ अध्यक्ष नवीन गुप्ता गुट ने भी अपना समर्थन दिया था और मेरठ के बाजार बंद करने का आह्वान किया था. इसका ये असर रहा कि मेरठ के ज्यादातर प्रमुख बाजार बंद रहे और दुकानों पर तालें लटके रहे. तमाम व्यापारियों ने इस शांति मार्च में बढ़ चढ कर हिस्सा लिया और अपनी आवाज बुलंद की. मेरठ स्कूल्स फेडरेशन ने भी बंद को समर्थन दिया और करीब 50 स्कूल बंद रखे.पेट्रोल पंप एसोसिएशन, आईएमए और अधिवक्ताओं ने भी अपना समर्थन दिया.


राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया


इस शांति मार्च में मेयर हरिकांत अहलूवालिया, विधायक अमित अग्रवाल, एमएलसी धर्मेन्द्र भारद्वाज, महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज, बीजेपी नेता दीपक शर्मा, बीजेपी नेता बीना वाधवा, अजय भराला भी इस शांति मार्च में पहुंचे थे. मेरठ के कोने कोने से हजारों लोगों का कारवां बुढ़ाना गेट इकट्ठा हुआ और फिर शांति मार्च में बांग्लादेश के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आगे निकला. ये शांति मार्च बच्चा पार्क, शिव चौक, कचहरी चौराहे होता हुआ कमिश्नर चौराहे पर सम्पन्न हुआ और वहां एडीएम सिटी ब्रजेश कुमार सिंह को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया गया, जिसमें हिंदुओं के जान माल की सुरक्षा सहित कई मांगे रखी गईं.


सुरक्षा का रचा गया था चक्रव्यूह


चूंकि बांग्लादेश के खिलाफ इस शांति मार्च का एलान कई दिन पहले कर दिया गया था. इसलिए पुलिस प्रशासन भी पूरी तरीके से अलर्ट था. एसपी सिटी आयुष विक्रम पूरी मुस्तैदी से अपने अफसरों की टीम के साथ जुटे रहे. शांति मार्च के साथ-साथ आरएफ और लोकल पुलिस चल रही थी. कमिश्नरी चौराहे पर ये शांति मार्च पहुंचा तो वहां एसपी सिटी कई सर्किल के सीओ के साथ मौजूद थे. कई जगह ट्रैफिक कंटोल करने के लिए रूट भी डायवर्ट करना पड़ा और इसकी वजह से कई जगह जाम भी लग गया. पुलिस चप्पे चप्पे पर तैनात रही और खुफिया विभाग भी अलर्ट रहा.


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