मेरठ: अनुमोदक के मुकरने से सपा प्रत्याशी का पर्चा खारिज, बीजेपी के गौरव चौधरी का जिला पंचायत अध्यक्ष बनना तय
सपा प्रत्याशी सलोनी गुर्जर का नामांकन पत्र खारिज होने के बाद अब बीजेपी प्रत्याशी गौरव चौधरी के निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष चुने जाने का रास्ता साफ हो गया है.
मेरठ: मेरठ में शनिवार की दोपहर जिला पंचायत चुनाव के नामांकन के बाद हुए नाटकीय घटनाक्रम ने बीजेपी प्रत्याशी के निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष चुने जाने की राह साफ कर दी है. दरअसल, सपा प्रत्याशी के अनुमोदक के मुकरने के बाद प्रशासन ने सपा प्रत्याशी सलोनी गुर्जर का पर्चा खारिज कर दिया है. हालांकि इस मुद्दे को लेकर सपा नेताओं ने कलेक्ट्रेट में जमकर हंगामा किया. मगर बीजेपी के नेताओं ने इसे सच्चाई की जीत बताया है.
दरअसल, नामांकन के बाद बीजेपी प्रत्याशी गौरव चौधरी ने सपा प्रत्याशी सलोनी गुर्जर के अनुमोदक अश्वनी शर्मा के साइन को फर्जी बताते हुए डीएम से शिकायत की थी. जिसके बाद डीएम ने इस मामले में सपा प्रत्याशी सलोनी गुर्जर को अपना पक्ष रखने के लिए तीन बजे कार्यालय में बुलाया था. मगर उससे पहले ही सलोनी गुर्जर के अनुमोदक अश्वनी शर्मा डीएम के कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने शपथ पत्र दाखिल करते हुए आरोप लगाया कि सपा प्रत्याशी के अनुमोदन पत्र पर उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं. उधर डीएम के बुलाने के लगभग एक घंटे बाद सलोनी गुर्जर कलेक्ट्रेट पहुंचीं और बताया कि उनका अनुमोदक कहीं गायब हो गया है. मगर कलेक्ट्रेट में अश्वनी शर्मा को बैठे देख सपा प्रत्याशी भी हैरान रह गईं. जिसके बाद डीएम के बालाजी ने सपा प्रत्याशी का नामांकन पत्र खारिज करते हुए कार्यालय के बाहर नोटिस चस्पा कर दिया.
बीजेपी प्रत्याशी गौरव चौधरी का निर्विरोध जीतना तय
मामले की जानकारी मिलने पर सपा नेता अतुल प्रधान, पूर्व विधायक योगेश वर्मा और पूर्व विधायक गुलाम मोहम्मद कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां उन्होंने हंगामा करते हुए प्रशासन पर बीजेपी के दबाव में काम करते हुए चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाया. जानकारी के बाद कलेक्ट्रेट पहुंचे डीएम ने काफी देर तक बंद कमरे में सपा नेताओं से बातचीत की. जिसके बाद सपा नेता वापस लौट गए. बताते चलें कि सलोनी गुर्जर का नामांकन पत्र खारिज होने के बाद अब बीजेपी प्रत्याशी गौरव चौधरी के निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष चुने जाने का रास्ता साफ हो गया है. जिस पर सिर्फ मुहर लगना बाकी है.