मेरठ: कोरोना काल ने बहुत कुछ बदल कर रख दिया है. यहां तक कि नकल करने का तरीका भी. आमतौर पर नकल की पर्चियां इम्तिहान में पकड़ी जाती थीं. कोई जूते के नीचे नकल सामग्री रखता था तो कोई और कहीं. लेकिन कोराना काल में नकल करने का तरीका ऐसा हो गया है कि उड़न दस्ते की टीम भी हैरत में पड़ गई. किसी ने हथेलियों में मेहंदी की तरह लाल रंग से नकल लिख ली तो कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगाकर कर नकल करता हुआ पाया गया.


नकलचियों को लेकर ज्यादा सख्ती
कोरोना काल में नकलची छात्र छात्राओं को ये उम्मीद थी कि इस बार इम्तिहान में उनकी चेकिंग ज्यादा नहीं होगी. लेकिन, मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कॉलेजों में इस बार नकलचियों को लेकर और ज्यादा सख्ती हो गई. ऐसे में एक से बढ़कर एक हरफनमौला नकलची धरे जा रहे हैं.



नकल के हैरान करने वाले तरीके
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कई कॉलेजों में ऐसे नकलची पकड़े गए हैं कि जिन्हें देखने के बाद कोई भी हैरान रह जाए. किसी ने बालों में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगा रखी थी तो कोई नकलची छात्रा हाथों में मेहंदी जैसे लाल रंग में नकल तैयार करके आई थी. एक शख्स ने तो अपने पैर और तलवों को ही नकल की किताब बना डाली. एक नकलची ने तो अपनी पूरी बाजू में ही नकल लिख रखी थी. फ्लाइंग स्कवॉयड की टीम भी ऐसे नकलचियों को देखकर हैरान रह गई. नकलचियों ने उत्तर ऐसे लिखे थे जिसे देखकर लग रहा था कि किसी और ने इन नकलचियों मदद की होगी. क्योंकि अपनी पूरी बाजू में नकल लिखना आसान तो बिलकुल भी नहीं है.


नकलचियों को पकड़ने के खास इंतजाम
मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर का कहना है कि इस बार कोरोना काल में नकलचियों को धर दबोचने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं. विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेजों में मौजूद उड़न दस्तों को ऐसे नकलचियों को पकड़ने के लिए खास हिदायतें भी दी गई हैं.



नकलचियों को बख्शा नहीं जाएगा
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के वीसी डॉक्टर एनके तनेजा का कहना है कि विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेजों में भी यूजी पीजी फाइनल इयर की परीक्षा में नकलचियों पर शिकंजा कसा जा रहा है. पकड़े जा रहे नकलचियों पर यूएफएम के तहत कार्रवाई की जा रही है. वीसी का कहना है कि नकलचियों को बख्शा नहीं जाएगा.


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