Meerut News: मेरठ नगर निगम हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है. इस बार एक चिट्ठी ने हंगामा बरपा दिया है. नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने ऐसी लिखी है कि जिसमें ये कह दिया गया है कि मुझे मेरे मूल पद पर वापस भेज दिया जाए. मुझे लगने लगा है कि नगर निगम में मैं बेवजह बैठे रहता हूं. नगर स्वास्थ्य अधिकारी की इस चिट्ठी ने खलबली मचा दी है. मेरठ नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. गजेन्द्र सिंह हैं.
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. गजेन्द्र सिंह का कहना है कि शासनादेश के हिसाब से मुझसे काम ही नहीं लिया जा रहा है, मेरे पद के हिसाब से मुझे काम ही नहीं दिया गया है, जिसकी वजह से मुझे लगता है कि वापस मेरे मूल पद पर यानी चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण में भेज दिया जाए, कम से कम वहां जाकर मरीज तो देख लूंगा. नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डा. गजेन्द्र सिंह बेहद परेशान और भर भराती आवाज में फोन पर बोले, दुखी हो गया हूं.
"जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र न बनने पर मेरा घेराव करते हैं लोग"
पशु चिकित्सा कल्याण अधिकारी डा. हरपाल सिंह को सफाई व्यवस्था का जिम्मा सौंप रखा है, जो सरासर गलत है, जबकि सफाई व्यवस्था नगर स्वास्थ्य अधिकारी के अंतर्गत आती है. कोई कहने वाला ही नहीं है नगर निगम में नगर निगम की सफाई व्यवस्था का जिम्मा हर नगर निगम ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी संभालते हैं, लेकिन मेरठ नगर निगम अनोखा है जहां ये जिम्मा पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा. हरपाल सिंह संभाल रहें हैं.
ये शासनादेश का भी उल्लंघन है. नगरायुक्त अमित पाल शर्मा के उपर निर्भर करता है वो किसे क्या काम देते हैं.नगर निगम में जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना टेढ़ी खीर बना हुआ है. शायद ही कोई ऐसा दिन जाता होगा कि जब मेरठ नगर निगम के पार्षद और जनता हंगामा न करती हो, क्योंकि प्रमाण पत्र के लिए मारे मारे फिरना पड़ता है और कई-कई चक्कर काटने पड़ते हैं, लेकिन फिर भी ढाक के तीन पात वाली स्थिति रहती है.
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. गजेन्द्र सिंह का कहना है कि रोज रोज के हंगामें और घेराव से परेशान हो गया हूं. शासनादेश के हिसाब से 2017 में रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का काम नगर स्वास्थ्य अधिकारी से वापस ले लिया गया और मुझ पर बेवजह जिम्मेदारी डाली जा रही है, जबकि मैं वो काम देख ही नहीं सकता हूं. लोग मेरा घेराव करते हैं जबकि मेरा इससे कोई लेना नहीं है, क्योंकि मेरे अंडर जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र का काम आता ही नहीं है.
नगरायुक्त बोले, शासन को भेज देंगे इनका प्रस्ताव
नगर स्वास्थ्य अधिकारी की इस चिट्ठी की चर्चा नगर निगम में छाई हुई है. नगर निगम के कर्मचारी बस यही कह रहें हैं कि उनके पद के हिसाब से जो काम था वो छीन रखा है और पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा. हरपाल सिंह को सफाई का प्रभारी बना रखा है. सही किया चिट्ठी लिख दी, कम से अपने मूल विभाग में जाकर काम तो करेंगे. इस बारे में जब हमने नगरायुक्त डा. अमित पाल शर्मा से बात की तो बोले, हां उनका पत्र आया है, जिसे शासन में भेज दिया जाएगा. वो अपने मूल पद पर वापस जाना चाहतें हैं.
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