मेरठ। पिछले 67 दिनों से चल रहे लॉकडाउन के बीच बुधवार को मेरठ में व्यापारियों का सब्र जवाब दे गया. व्यापारियों को जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो वो कलेक्ट्रेट पर नारेबाजी करने लगे इस दौरान कई व्यापारी धरने पर भी बैठ गए. व्यापारी मेरठ प्रशासन से खासे नाराज नजर आ रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि उनकी जिला प्रशासन से कई बार वार्ता हो चुकी है लेकिन अभी तक निष्कर्ष नहीं निकल सका है.
व्यापारियों का कहना है कि उन्हें तीन से चार घंटे के लिए कम से कम अपनी दुकानों की साफ-सफाई के लिए अनुमति दी जाए. मेरठ संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से पिछले 67 दिन से सभी दुकानें बंद है. व्यापारियों ने लॉकडाउन का हमेशा पूर्ण समर्थन किया है, लेकिन क्योंकि उनकी दुकानें पिछले दो महीने से ज्यादा समय से बंद हैं लिहाजा एक बार वो अपनी दुकान खोलकर साफ-सफाई करना चाहते हैं. ताकि जब भी शासन का निर्देश दुकानें खोलने को लेकर आए तो वो अगले दिन से ही अपनी दुकानें खोलकर व्यापार शुरू कर सकें.
व्यापारियों का कहना है कि सोचिए मिठाई की दुकान की क्या हालत होगी. सब कुछ सड़ गया होगा. खाद्य पदार्थों की दुकानों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है. कपड़ों की दुकानों को चूहे कुतर चुके होंगे. दुकानों में दीमक लग चुकी होगी. जूते की दुकानों में फफूंद लग चुकी होगी. व्यापारी करोड़ों रुपयों के नुकसान में हैं, लिहाजा कम से कम प्रशासन उन्हें दुकानों की साफ-सफाई की अनुमति दे ताकि लॉकडाउन खत्म होते ही वो अपना व्यापार शुरू कर सकें.
व्यापारियों ने यूपी के मुख्यमंत्री से मांग की है कि उनके बच्चों की इस दौरान की फीस माफ की जाए क्योंकि व्यापारी भुखमरी की कगार पर पहुंच चुका है. लिहाजा वो बच्चों के स्कूल की फीस कैसे भरेगा. बैंक के ब्याज की माफी की मांग भी व्यापारी कर रहे हैं. यही नहीं बिजली के बिल को लेकर भी व्यापारी रियायत की मांग कर रहे हैं.
गौरततलब है कि, मेरठ में कोरोना के मरीजों का आकंड़ा लगातार बढ़ रहा है. यहां अब तक 386 कोरोना संक्रमित केस सामने आ चुके हैं. जबकि 23 लोग कोरोना की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं. ऐसे में फिलहाल मेरठ जिला प्रशासन यहां कंटेनमेंट जोन में किसी भी प्रकार की छूट देने के मूड में नहीं है. मेरठ में दो दिन सुपर लॉकडाउन भी रहता है. इस दिन तो दवा और दूध की दुकानों को छोड़कर किराने की दुकान तक नहीं खुलती हैं. ऐसे में व्यापारियों ने धरना प्रदर्शन करके अपनी आवाज बुलंद की है. अब मेरठ जिला प्रशासन इन व्यापारियों की मांग पर क्या निर्णय लेता है ये बेहद अहम होगा.