मेरठ: दिल्ली गाजियाबाद मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए लखनऊ में एक बैठक आयोजित की गई. बैठक में मंडल आयुक्त मेरठ, जिलाधिकारी मेरठ एवं गाजियाबाद, उपाध्यक्ष मेरठ एवं गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, नगर आयुक्त मेरठ और गाजियाबाद की तरफ से एनआईसी वीडियोकांफ्रेंस के माध्यम से प्रतिभाग किया गया.


प्रदूषण को कम करने में मदद
बैठक में आरआरटीएस परियोजना की अभी तक हुई प्रगति से श्री विनय कुमार सिंह, प्रबंध निदेशक, एनसीआरटीसी, नई दिल्ली की तरफ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत कराया गया. उनकी तरफ से बताया गया कि आरआरटीएस रेल आधारित उच्च गति, उच्च क्षमता, आरामदायक और सुरक्षित रीजनल रेल सेवा है. ये सड़क जाम, ऊर्जा उपभोग और प्रदूषण को कम करने में मदद करेगी.


मेट्रो ट्रेन से 3 गुना तेज होगी रफ्तार
उन्होंने ये भी बताया कि आरआरटीएस की औसत गति मेट्रो ट्रेन से 3 गुना तेज होगी. कुल 82.15 किलोमीटर लंबी इस परियोजना में 15 आरआरटीएस स्टेशन हैं और 13 मेट्रो स्टेशन को भी समाहित किया गया है. परियोजना के अंतर्गत सभी सिविल और प्रणाली कॉन्ट्रैक्ट फाइनल कर दिए गए हैं और पूरे कॉरिडोर पर कार्य तेजी से प्रगति पर है. प्रत्येक 5 मिनट पर ट्रेन की सुविधा स्टेशनों पर उपलब्ध रहेगी और हर मौसम में निर्बाध रूप से रेल सेवा कार्य करेगी. परियोजना में मल्टीमॉडल एकीकरण सम्मिलित किया गया है.


समय की होगी बचत
बैठक में ये भी बताया गया कि वर्तमान में बेगम पुल मेरठ से इंदिरा गांधी हवाई अड्डे के लिए 3:30 से 4 घंटे का समय लगता है जबकि रैपिड रेल से ये दूरी सिर्फ 75 मिनट में तय की जा सकेगी. इसी प्रकार दिल्ली एम्स हॉस्पिटल के लिए 2 से 3 घंटे लगते हैं, जबकि 60 मिनट में वहां पहुंचा जा सकेगा.



परियोजना को विशेष प्राथमिकता दी जाए
समीक्षा के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए गए कि ये क्षेत्र के विकास को देखते हुए अत्यंत महत्वपूर्ण परियोजना है. इसके निर्माण से क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं विकसित हो सकेंगी. अधिकारी और विभाग इस परियोजना को विशेष प्राथमिकता प्रदान करें और जो भी कार्य प्रस्तावित या फिर लंबित हैं, उनमें विशेष रूचि लेकर न्यूनतम समय में तत्परतापूर्वक पूर्ण कराएं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से विशेष रूप से कहा गया कि परियोजना से संबंधित कोई फाइल किसी विभाग में 3 दिन से अधिक लंबित ना रहे.



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