मेरठ: उत्तर प्रदेश के जेवर में बनने जा रहे दूनिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट में से एक नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के भूमि अधिग्रहण का कार्य लगभग पूरा होने को है. भूमि अधिग्रहण का करीब 98 फ़ीसदी काम पूरा हो चुका है. अब जल्द ही भूमि अधिग्रहण का काम खत्म करके यह जमीन यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड को हैंडओवर कर दी जाएगी. उम्मीद जताई जा रही है कि, आने वाले तीन सालों के बाद जेवर के नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय उड़ाने फर्राटा भर सकेंगी. 


विस्थापितों के लिये बनाई गई टाउनशिप


मेरठ के मंडल आयुक्त सुरेंद्र सिंह की मानें तो नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण का काम सरकार की प्राथमिकताओं में है. जिसके चलते तेजी से भूमि अधिग्रहण का काम पूरा किया जा रहा है. खास बात यह है कि जिन सात गांवों के किसानों की करीब 1350 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है, उनके लिए सरकार ने अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इंटीग्रेटेड टाउनशिप का निर्माण किया है. करीब 917 परिवारों को अब तक टाउनशिप में बसाया जा चुका है. इस इंटीग्रेटेड टाउनशिप में हेल्थ सेंटर, स्कूल, पार्क और ओपन जिम भी होंगे.


बिना किसी विवाद के जमीन का अधिग्रहण


कमिश्नर सुरेंद्र सिंह की माने तो यह पहला मौका है, जब इतनी बड़ी जमीन का अधिग्रहण बिना किसी विवादों के किया जा रहा है. माना जा रहा है कि, जून के अंत तक जमीन अधिग्रहण का काम पूरा कर लिया जाएगा. जिसके बाद जमीन हैंड ओवर की जाएगी, और अगर काम समय से शुरू हो गया तो अगले तीन साल उसके बाद जेवर के नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय उड़ाने फर्राटा भर सकेंगी. इसके अलावा जिन किसानों ने अधिग्रहण में अपनी जमीनें दी हैं, उनकी जिंदगी की तस्वीर भी धीरे-धीरे बदल रही है. इंटीग्रेटेड टाउनशिप में बसने के बाद उनका जीवन बदलेगा. साथ ही अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का काम जैसे ही शुरू होगा तो लोगों को रोजगार भी मिलेगा. यह पहली बार हो रहा है जब जमीन अधिग्रहण के मामले में लोगों में विस्थापन के दर्द की बजाय एक बेहतरीन कॉलोनी में बसने की खुशी है.


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