मेरठ, बलराम पांडेय: मेरठ में कोरोना संक्रमित शव की अदला-बदली मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. मामले में 10 आउटसोर्सिंग स्टाफ को बर्खास्त कर दिया गया है. जबकि कोविड वॉर्ड की सिस्टर इंचार्ज पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए शासन से सिफारिश की गई है. मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने माना है कि ये बड़ी लापरवाही हुई है. उन्होंने कहा कि अब कोरोना संक्रमित शवों की पैकिंग पारदर्शी होगी. इस पैकिंग में कोरोना संक्रमित शव का चेहरा दिखता रहेगा.


6 स्टाफ नर्स और 4 वॉर्ड ब्यॉय बर्खास्त
मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर ज्ञानेन्द्र का कहना है कि 10 आउटसोर्सिंग स्टाफ की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है. कोविड वॉर्ड में आउटसोर्सिंग कम्पनी के 6 स्टाफ नर्स और 4 वॉर्ड ब्यॉय को बर्खास्त कर दिया गया है. वहीं, नर्सिंग सिस्टर इंचार्ज के खिलाफ विभागीय और अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए शासन से सिफारिश की गई है. डीजी हेल्थ को इस पत्र भी लिखा गया है.


जांच कमेटी गठित की गई थी
इससे पहले शनिवार को मेरठ मेडिकल कॉलेज से कोरोना पॉजिटिव शख्स के शव बदलने का मामला प्रकाश में आया था. डीएम ने उसी वक्त तत्काल प्रभाव से जांच कमेटी गठित की थी. परिजनों को अंतिम संस्कार के दौरान पता चला था कि शव किसी दूसरे का है. मेरठ के जिलाधिकारी ने इस मामले को लेकर जांच के आदेश दे दिए थे.


शवों की हुई थी अदला-बदली
जिन कोरोना संक्रमित मरीजों के शवों की अदला-बदली हुई थी उनमें से एक मेरठ तो दूसरे गाजियाबाद का रहन वाले था. शवों की अदला बदली को लेकर परिजनों में कोहराम मच गया था.


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