बंदियों से मुलाकात करने के लिए जेल में उमड़ी परिजनों की भीड़, कोरोना नियमों का हुआ पालन
मेरठ जिला कारागार के अधिकारियों ने बताया कि शासन की तरफ से निर्धारित तमाम गाइडलाइन का पालन करते हुए जेल में मुलाकात की अनुमति दी गई है.
Meerut Jail: कोरोना काल के दौरान पिछले 17 महीने से मुलाकातियों के लिए बंद जिला कारागार के द्वार सोमवार को शासन के आदेश पर खोल दिए गए. इस दौरान जिला कारागार पर बंदियों से मुलाकात के लिए परिजनों की भीड़ उमड़ पड़ी. लगभग डेढ़ साल से भी अधिक समय बाद अपनों को सामने देख कई लोगों की आंख भर आई. मुलाकात करने आए मुलाकातियों ने जेल में बंदियों से मुलाकात की अनुमति दिए जाने को लेकर शासन का आभार जताया. वहीं, जिला कारागार के अधिकारियों ने बताया कि शासन द्वारा निर्धारित तमाम गाइडलाइन का पालन करते हुए जेल में मुलाकात की अनुमति दी गई है.
मुलाकातियों के लिए खुले जिला कारागार के दरवाजे
बता दें कि, देश में कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान मार्च 2020 में जिला कारागार में बंदियों से परिजनों की मुलाकात पर पाबंदी लगा दी गई थी. दूसरी लहर थमने के बाद 17 महीने बाद शासन ने इस पाबंदी को हटाया है. सोमवार से जिला कारागार के दरवाजे मुलाकातियों के लिए खोल दिए गए. जिसके चलते सुबह से ही जिला कारागार पर बंदियों से मिलने के लिए उनके परिवार के लोगों की भीड़ उमड़ी रही.
आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट है अनिवार्य
जिला कारागार के सुपरीटेंडेंट राकेश कुमार ने बताया कि शासनादेश के तहत निर्धारित की गई गाइडलाइन के मुताबिक ही बंदियों के परिजनों को जेल में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है. जिसके चलते एक पर्ची पर एक बंदी से दो व्यक्तियों को मिलने की अनुमति दी जा रही है. मुलाकातियों को जेल के भीतर जाने से पहले 72 घंटे के अंदर कराई गई कोरोना की आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट लाना अनिवार्य किया गया है. इसी के साथ सभी मुलाकातियों को मास्क और सैनिटाइजर की अनिवार्यता के साथ सैनिटाइज की गई मैट से गुजरते हुए जेल के भीतर प्रवेश की अनुमति दी गई.
कोरोना नियमों का रखा जा रहा है ध्यान
राकेश कुमार ने बताया कि जेल में भी सभी बंदियों को मुलाकात के बाद सैनिटाइज होने के बाद ही उनकी बैरक में वापस भेजा जाएगा. वहीं, लगभग 17 महीने बाद जेल के दरवाजे मुलाकातियों के लिए खोले जाने को लेकर बंदियों के परिजनों के चेहरों पर खुशी देखने को मिली. जेल पर अपनी पत्नी के भाई से मुलाकात करने आए रिजवान ने बताया कि उनका साला मार्च 2020 से जिला कारागार में बंद है. लेकिन, महामारी के चलते परिवार का कोई सदस्य बंदी की शक्ल नहीं देख सका है.
परिजनों के चेहरों पर दिखी खुशी
भाई से मिलने आए फैजान ने बताया कि उसका भाई लगभग दो महीने से जेल में बंद है. जावेद ने बताया कि पिछले 13 महीने से उसका भाई जेल में है, लेकिन परिवार का कोई सदस्य उसकी शक्ल नहीं देख सका है. 11 महीने से जेल में बंद इमामुद्दीन से मिलने आई उसकी पत्नी रेहाना ने शासन का आभार जताते हुए जेल में मुलाकात से हटाई गई पाबंदी को लेकर खुशी जाहिर की. वहीं, महीनों बाद अपने परिवार के लोगों से मिलने के बाद मुलाकात करने आए कई लोगों की आंखें नम भी दिखाई दी.
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