Meerut: सीएम कार्यालय की सख्ती का मेरठ में ऐसा असर हुआ कि जो हिंदी की प्रवक्ता पिछले तीन महीने से नौकरी के लिए दर-दर भटक रही थी, उसे कुछ ही घंटों में नौकरी दे दी गई. इतना नहीं लापरवाही बरतने वाले भागीरथी आर्य कन्या इंटर कॉलेज के प्रबंधक, प्रिंसिपल और लिपिक के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया. मामला सीएम कार्यालय से जुड़ा था, इसलिए भी अफसरों ने रात-दिन एक कर दिया. 


तीन महीने की सैलरी मांग रहा था कॉलेज 
आरोप है कि बुलंदशहर की रहने वाली संगीता सोलंकी जिन्होंने हिंदी प्रवक्ता पद के लिए अप्लाई किया था, उनसे कॉलेज नौकरी ज्वाइन कराने के लिए तीन महीने की सैलरी मांग रहा था.  लेकिन वो वेतन देने को तैयार नहीं थी. हिंदी प्रवक्ता पद पर चयन होने के बावजूद संगीता सोलंकी नवंबर से ही नौकरी के लिए कॉलेज के चक्कर काट रही थीं. 


पीड़ित ने मुख्यमंत्री कार्यालय में फोन किया
जब संगीता को कोई रास्ता नहीं दिखा तो उसने मुख्यमंत्री कार्यालय में फोन कर अपनी परेशानी बताई. मुख्यमंत्री कार्यालय से मेरठ के कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह को फोन आया. लखनऊ से फोन आने पर कमिश्नर ने मामले की गंभीरता से लिया और सख्त एक्शन के आदेश दे दिए. इसका असर ये हुआ कि जो काम तीन महीने में नहीं हुआ वो पलभर में हो गया. अब संगीता को ज्वाइन करा लिया गया और वो सीएम, मेरठ के कमिश्नर और एसएसपी का शुक्रिया अदा कर रही हैं.


प्रबंधक और प्रिंसिपल कर रहे थे आनाकानी
दरअसल, संगीता सोलंकी ने चयन आयोग से हिंदी प्रवक्ता के पद पर भागरीरथी कन्या इंटर कॉलेज में अप्लाई किया हुआ था. संगीता का आरोप है कि कॉलेज के प्रबंधक डॉ प्रमोद शर्मा, प्रिंसिपल लता सागर और लिपिक तीन महीने का वेतन मांग रहे थे. वेतन न देने पर उसे न तो ज्वाइन करा रहे थे और न ही उसके कागजात तैयार कर रहे थे. 


प्रबंधक, प्रिंसिपल, लिपिक पर मुकदमा दर्ज
संगीता ने जिला विधालय निरीक्षक कार्यालय में शिकायत की और वहां से भी ज्वाइन कराने को कहा गया, लेकिन प्रबंधक लापरवाह बना रहा. एक नवंबर को वो कॉलेज गई तो उसे कोर्ट के स्थगन आदेश का पता चला, लेकिन 26 फरवरी को संशोधित आदेश के बाद वह 16 मार्च को गई तो फिर तीन महीने का वेतन दान करने की बात कही गई. अब पुलिस ने प्रबंधक प्रमोद शर्मा, प्रिंसिपल लता सागर और लिपिक के खिलाफ लालकुर्ती थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. 


हालांकि संगीता सोलंकी के आरोपों को भागीरथी कन्या इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल लता सागर बेबुनियाद बता रहीं हैं और कह रहीं है प्रबंधक ज्वाइन कराता है उनका कोई लेना देना नहीं है और इन आरोपों ने स्कूल की छवि भी खराब कर दी है.


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