Meerut News Today: बिजली विभाग की लापरवाहियों की तमाम खबरें सामने आती रहती हैं, लेकिन मेरठ में बिजली विभाग की जुगाड़ की सीढ़ी बड़े हादसे के इंतजार में है. इस सीढ़ी के कंधों पर हाइटेंशन लाइन का बोझ है. जुगाड़ की यह सीढ़ी बिजली विभाग के अधिकारियों की नाकामी, लापरवाही और हादसे के इंतजार को दर्शाती रही है.


मेरठ के इस इलाके से हजारों लोग गुजरते हैं, लेकिन कब कौन हादसे का शिकार हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है. पश्चिमी यूपी के पीवीवीएनएल यानि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का हेड क्वार्टर का ऑफिस मेरठ में ही है. विभाग की अरबों रुपये की कई महत्वपूर्ण योजनाएं चल रही हैं. 


बिजली विभाग पर उठ रहे सवाल
अरबों रुपया उपभोक्ता दबाए बैठे हैं यानि विभाग के पास पैसे की कोई कमी नहीं है, लेकिन कहानी यहां आकर बदल जाती है और सवाल उठने लगे हैं कि क्या बिजली महकमे के पास एक बिजली का खंभा खरीदने के पैसे नहीं हैं? जो जुगाड़ की सीढ़ी पर हाईटेंशन लाइन के भारी भरकम तारों को रखा गया हैं. 


हाईटेंशन लाइन को रोकती इस सीढ़ी के ऊपरी भाग पर चाली लगाई गई है. चाली दीवारों पर प्लास्टर का काम करने के दौरान मिस्त्री और मजदूर उपयोग करते हैं, लेकिन यहां सीढ़ी की जुगाड़ के साथ चाली को भी बिजली विभाग ने शामिल कर लिया गया.


विभाग के अफसरों ने किया किनारा
मेरठ का हापुड़ अड्डा चौराहा सबसे व्यस्त चौराहा माना जाता है. यहां से चंद कदमों की दूरी पर सड़क के इस पार से उस पार तक आर्म्ड केबिल से हाईटेंशन लाइन गुजारी गई है. नियम के हिसाब से ये भी गलत है.


इस सीढ़ी के सहारे हाइटेंशन लाइन को रोकने का काम कई महीने पहले किया गया था, काम के नाम पर खानापूर्ति की गई और बिजली विभाग के अफसर फिर यहां लौटकर नहीं आए. शायद वो भूल गए कि हादसा हुआ तो न जाने कितने लोगों की जान खतरे में होगी, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता है.


यहां के दुकानदार राकेश, इमरान और ठेले लगाने वाले इस्लाम, सलमान ने बताया कि सीढ़ी टूट गई तो तार जमीन पर आ जाएंगे. इससे कई लोगों की जान जा सकती है. लोगों का कहना है कि शिकायत के बावजूद बिजली विभाग को ई कार्रवाई नहीं कर रहा है. 


कभी भी हो सकता है हादसा
बिजली विभाग की इस जुगाड़ वाली सीढ़ी को अब धीरे-धीरे पूरा मेरठ जानने लगा है. लोग आते हैं और इस जुगाड़ वाली सीढ़ी का वीडियो और फोटो अपने मोबाइल फोन में कैद करके ले जाते हैं. 


सबसे बड़ी बात ये है कि इस सीढ़ी को बैरिकेडिंग से बांध रखा गया है यानि सीढ़ी जमीन में गड़ी हुई नहीं है. अब ऐसे में अगर कोई ट्रक, बस या कोई अन्य वाहन से इस सीढ़ी में टक्कर मार दे और सीढ़ी टूट गई तो फिर क्या होगा, ये बताने की जरूरत नहीं है. 


चीफ इंजीनियर ने दिया आश्वासन
मामला बेहद गंभीर है, क्योंकि ये बिजली से जुड़ा है. पहले भी यहां कई हादसे हो चुके हैं, लेकिन बावजूद इसके विभाग सबक लेने को तैयार नहीं है. इस संबंध में मेरठ के चीफ इंजीनियर जोन वन धीरज सिन्हा से बात की गई, तो उन्होंने जल्द ठीक करने का आश्वासन दिया.


मेरठ के चीफ इंजीनियर जोन वन धीरज सिन्हा ने कहा, "इसका जल्द मुआयना करवाकर ठीक कराया जाएगा." एक जिम्मेदार अधिकारी के आश्वासन देने के बावजूद लोगों को इस पर शंका है. इसका इंतजाम कब तक होगा ये देखने वाली बात होगी. 


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