UP News: मेरठ में फर्जी दारोगा पुलिस के हत्थे चढ़ गया. टोल कर्मियों को धमकाने और रौब गालिब करने में उसने कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन हकीकत से पर्दा उठा तो सलाखों के पीछे जाना पड़ा. पुलिस ने इस फर्जी दारोगा से पूछताछ की तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आ गईं. वो पिछले कई सालों से दारोगा बनकर लोगों पर रौब गालिब कर रहा था.
मेरठ में काशी टोल पर एक कार आकर रुकी, फास्ट टैग में पैसे नहीं थे तो टोल कर्मियों ने टोल मांगा तो कार सवार गुस्से में आ गया. जब और टोल कर्मी इकट्ठा हुए तो खुद को दारोगा बताने लगा. कार पर पुलिस का लोगो, कार के डैशबोर्ड पर पुलिस की टोपी रखी थी. जब टोल कर्मियों ने आईडी कार्ड मांगा तो उन्हें हड़काना शुरू कर दिया. जो भी आया उसके खूब खरी खोटी सुनाई गई, दारोगा बताकर पूरा रौब गालिब किया गया.
काशी टोल पर कार सवार का हंगामा थम नहीं रहा था. परतापुर थाना पुलिस पहुंची और खुद को दारोगा बताने वाले से पूछताछ की. उसने बताया कि वो गौतमबुद्ध नगर के दादरी का रहने वाला मनीष है और पुलिस में है. पुलिस ने आई कार्ड मांगा तो फर्जी निकला. कार से पिस्टल बरामद की तो मनीष उसका लाइसेंस नहीं दिखा पाया. कार के डैशबोर्ड पर रखी टोपी के बारे में पूछा तो बगले झांकने लगा.
पुलिस फर्जी दारोगा मनीष को कार समेत थाने ले आई. सख्ती से पूछताछ की गई तो पता चला कि टोल बचाने के लिए और लोगों पर रौब गालिब करने के लिए मनीष फर्जी दारोगा बना था. काफी समय से वो इसी तरीके से रौब गालिब कर रहा था. कई लोगों को पुलिस मदद की जरूरत होती थी तो वहां भी फर्जी दारोगा बनकर पहुंच जाता था. सब उसके रौब के आगे खामोश हो जाते थे, लेकिन नोएडा जाते वक्त मेरठ के काशी टोल पर टोल कर्मियों से उलझना भारी पड़ गया.
फर्जी दारोगा के खिलाफ केस दर्ज
मेरठ पुलिस का शक जब यकीन में बदला तो पुलिस ने फर्जी दारोगा के खिलाफ मुकद्दमा कायम कर लिया. एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह का कहना है कि लोगों पर रौब गालिब करने के लिए मनीष फर्जी दारोगा बना हुआ था. परतापुर थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया है और हम सख्त कार्यवाही करेंगे. वो काफी समय से लोगों पर दारोगा बनकर रौब गालिब कर रहा था.
हाथरस हादसे के पीड़ितों से मिले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, योगी की मंत्री ने दिया ये बयान