Meerut News Today: मेरठ सहित पूरे उत्तर प्रदेश के किसान रबी फसल की तैयारियों में जुट गए हैं. इस दौरान कई किसान आलू की फसल लगाना चाहते हैं, लेकिन इसको लेकर उनके मन में कई तरह का संशय रहता है, जैसे आलू की बुआई कब और कितने तापमान पर करनी चाहिए? कैसा मौसम आलू की फसल के लिए अनुकूल रहेगा?
इस लेख में किसानों की इन्हीं परेशानियों पर चर्चा की जाएगी. आलू के फसल की तैयारी कर रहे किसानों के लिए अच्छी खबर है, अगले एक हफ्ते बाद आलू की बुआई के लिए मौसम अनुकूल होने जा रहा है. किसान को आलू बुआई के समय किन बातों को ध्यान रखना है, आइये जानते हैं.
आलू के लिए उपयुक्त तापमान
आलू की बुआई के लिए उचित तापमान बहुत मायने रखता है. केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान मेरठ के मुख्य तकनीकी अधिकारी डॉक्टर अशोक कुमार चौहान ने बताया कि आलू की बुआई में तापमान बहुत मायने रखता है. इसलिए तापमान 30 डिग्री के नीचे रहना चाहिए.
डॉक्टर अशोक कुमार चौहान के मुताबिक, अभी तापमान आलू की बुआई के लिए पर्याप्त नहीं है. इसलिए किसान अभी एक सप्ताह इंतजार करें और उसके बाद आलू की बुआई करेंगे तो काफी फायदा होगा और फसल भी अच्छी होगी. उन्होंने बताया कि पिछली बार 20 अक्टूबर से बुआई शुरू हो गई थी, लेकिन इस बार मौसम में थोड़ी गर्मी ज्यादा है, फिलहाल आलू की बुआई के लिए मौसम अनुकूल नहीं है.
पछैती फसल का समय
आलू की बुआई के लिए 15 नवंबर तक का मौसम बड़ा अनुकूल रहेगा. शुरूआती दौर में कुफरी चिप्सोना वन, कुफरी सूर्या, कुफरी बहार किस्म के आलू की बुआई की जा सकती है.
पछैती फसल के लिए 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक आलू की बुआई की जा सकती है. इस दौरान कुफरी पुखराज, कुफरी चिप्सोना तीन, कुफरी गंगा, कुफरी मोहन और कुफरी ख्याति किस्म की बुआई की जा सकती है.
केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान मेरठ के मुख्य तकनीकी अधिकारी डॉ. अशोक कुमार चौहान ने किसानों को सलाह दी है कि वह आलू की बुआई से 8 से 10 दिन पहले बीज को कोल्ड स्टोर से लाकर खुले में रख दें. फिर पलेवा करने के बाद आलू की बुआई करें, इससे फसल बहुत अच्छी होगी.
खरखौदा के किसानों ने क्या कहा?
मेरठ के खरखौदा इलाके में आलू की बुआई अन्य इलाकों से ज्यादा की जाती है. नरहाडा के किसान अर्जुन सिंह ने बताया कि 10 दिन बाद हम आलू की बुआई करेंगे, अभी मौसम ठीक नहीं है. इस बार आलू का दाम ठीक है, लेकिन फसल आते-आते कम हो जाता है.
खरखौदा के रहने वाले विकास त्यागी ने बताया कि कोल्ड स्टोर से आलू का बीज लेकर आ गए हैं और जैसे ही मौसम ठीक होगा हम बुआई शुरू देंगे.
दौराला के सिवाया गांव के रहने वाले किसान योगेश विहान का कहना है कि हमने आलू की फसल बुआई बंद कर दी है. उन्होंने कहा कि लागत ज्यादा आती है और बिचौलिए ज्यादा मुनाफा कमाते हैं.
किसान योगेश विहान के मुताबिक, आलू की खुदाई में लेबर की दिक्कत आने लगी है. इसके अलावा कोल्ड स्टोर का खर्चा, ढ़ुलाई और मजदूरी ज्यादा आती है और बचत कम होती है, इसलिए हमने आलू बोना बंद कर दिया है.
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