UP News: मेरठ में प्राइमरी पाठशाला में शिक्षिकाओं की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है. यहां स्कूल की मैडम इतनी जल्दी में थी कि कक्षा एक की छात्रा को क्लासरूम में बंद करके घर चली गई. मैडम के पास इतनी फुरसत भी नहीं थी कि एक बार ठीक ढंग से क्लास रूम को चेक कर लें. घंटों बच्ची क्लासरूम में रोती और बिलखती रही. इस मामले में लापरवाही पर मैडम पर एक्शन भी हो गया है.


मामला मवाना के अकबरपुर सादात मंदिर परिसर की प्राइमरी पाठशाला नंबर एक का है. ये पाठशाला मंदिर परिसर में ही चलती है, जिसमें करीब 150 बच्चे हैं. प्रधानअध्यापिका अनीता रानी, तीन शिक्षिकाएं और एक शिक्षा मित्र तैनात हैं. शनिवार को सभी स्कूल बंद करके घर चले गए. कुछ देर बाद क्लासरूम से बच्ची के रोने की आवाज आने लगी.


लोगों ने घबराई बच्ची को बाहर निकालने की कोशिश


मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा चल रही थी, तभी लोगों ने जाकर देखा तो खिड़की से बच्ची बाहर की तरफ झांक रही थी और बिलख बिलख कर रो रही थी. लोग बच्ची को चुप कराने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वो घबराई हुई थी. बच्ची को बाहर निकालने की कोशिश की तो वहां तला लटका पड़ा था.


बच्ची के परिजन भी पहुंचे स्कूल


बच्ची को क्लास रूम में बंद और रोते बिलखते देखकर फोन घनघना उठे. बच्ची के पिता राहुल और अन्य परिजन भी स्कूल पहुंच गए. पुलिस को भी फोन कर दिया गया. खंड शिक्षा अधिकारी त्रिवेंद्र सिंह और बहसूमा थाना प्रभारी इंदू वर्मा भी मौके पर पहुंच गए. शिक्षा मित्र को खंड शिक्षा अधिकारी ने फटकार लगाई, जिसके बाद वो चाभी लेकर प्राइमरी पाठशाला पहुंचा और ताला खोलकर बच्ची नैना को बाहर निकाला. सबसे बड़ी बात ये है कि एक सप्ताह पहले ही बच्ची नैना का कक्षा एक में पिता राहुल ने एडमिशन कराया था और वो बार बार यही कह रहे थे कि आखिर क्यों प्राइमरी पाठशाला में बच्ची का एडमिशन कराया. यहां स्टाफ इतना लापरवाह होगा ये मैंने कभी सोचा भी नहीं था.


बंद क्लासरूम से निकलते ही पापा से लिपटकर रोने लगी बच्ची


छह साल की मासूम नैना जैसे ही बंद क्लासरूम से बाहर निकली तो अपने पापा से लिपटकर रोने लगी. पिता राहुल की आंख में भी आंसू आ गए और आस पास खड़े लोग भी भावुक हो गए. सभी बेहद गुस्से में थे कि इतनी मोटी तनख्वाह लेने वाली टीचर्स इतनी बड़ी लापरवाही कर गई. यदि बच्ची के साथ कुछ हो जाता तो फिर इसका कौन जिम्मेदार होता. इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की जाने लगी. लोगों में सबसे ज्यादा गुस्सा प्रधानाध्यापिका अनीता रानी को लेकर था कि छोटी बच्ची को क्लासरूम में बंद कर गई. परिवार के लोग इनके भरोसे पर बच्चों को स्कूल भेजते हैं और मैडम इतने बेफिक्र और लापरवाह हैं. 


बीबएसए आशा चौधरी ने लापरवाह प्रधानाध्यापिका को किया सस्पेंड


खंड शिक्षा क्षेत्र मवाना के अकबरपुर सादात की प्राथमिक पाठशाला नंबर वन में क्लासरूम में कक्षा एक की छात्रा नैना को बंद करना घोर लापरवाही में आता है. बीएसए मेरठ आशा चौधरी ने इस मामले में प्रधानअध्यापिका अनीता रानी को सस्पेंड कर दिया है. बीएसए का कहना है कि ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. वहीं छात्रा नैना के परिजनों ने किसी भी कानूनी कार्रवाई से इंकार कर दिया.


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